बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जहां एक तरफ राजनीतिक दल एक-दूसरे इस बार जीत हासिल करने के लिए प्रतिद्वंदियों पर निशाना साधने में जुटे हैं, वहीं मंगलवार को एक ऐसा दृश्य भी देखने को मिला, जहां पक्ष-विपक्ष के नेता साथ में मौन स्थिति में बैठे दिखाई दिए। यह मौका था लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के निधन के बाद रखे गए ब्रह्मभोज का, जिसमें जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लोजपा प्रमुख चिराग पासवान से मिलने पहुंचे। राजनीतिक अखाड़े में आमने-सामने खड़े चिराग ने तो नीतीश के आते ही उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद तक लिया।
इतना ही नहीं तीनों नेता काफी देर तक साथ भी बैठे। हालांकि, इस दौरान चिराग की ज्यादातर बात तेजस्वी यादव से ही हुई। इस कार्यक्रम की कई फोटो भी सामने आई हैं, जिनमें नीतीश कुमार, चिराग पासवान और तेजस्वी यादव साथ-साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि इस दौरान तेजस्वी ने कई बार चिराग को ढांढस बंधाया। दोनों के बीच हल्की आवाज में बातचीत भी हुई, हालांकि चिराग और नीतीश के बीच कोई चर्चा नहीं हुई।
बिहार के हर जिले में होगी श्रद्धांजलि सभा: चिराग पासवान ने ब्रह्मभोज के दौरान ही पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों को पिता रामविलास पासवान के अस्थि कलश दिए। साथ ही उनसे अपने जिलों में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने के लिए कहा। चिराग ने कहा कि उनके पिता सभी जिले के लोगों से प्यार करते थे और उन्हें अपनों पर विश्वास था। इसलिए उनके अस्थि कलश सभी 38 जिलों में जाने चाहिए, ताकि लोग उनके दर्शन कर सकें।
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बनाई दूरी: बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी श्रद्धांजलि सभा में नहीं पहुंचे। उन्होंने ट्विटर पर बताया कि लोजपा सांसद प्रिंस राज श्राद्ध का निमंत्रण देने घर आए थे, लेकिन अस्वस्थ रहने के कारण वे इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए। बता दें कि सुशील मोदी लोजपा के एनडीए से अलग होकर चुनाव के लड़ने के फैसले पर पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। केंद्र में भाजपा की साथी होने के बावजूद उन्होंने चिराग की पार्टी को वोटकटवा तक कह दिया था।

