बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। जहां विपक्ष में बैठी राजद और कांग्रेस अभी सत्तासीन एनडीए को टक्कर देने की योजना ही बनाने में जुटी है। वहीं, जेडीयू, भाजपा और लोजपा ने अपने-अपने स्तर पर प्रभाव बनाने के लिए प्रचार अभियान तक शुरू कर दिया है। जेडीयू से तनातनी के बीच लोजपा नेता चिराग पासवान ने अखबारों में ऐड तक देना शुरू कर दिया है। इसमें पार्टी ने राज्यवासियों से नया और युवा बिहार बनाने की अपील की है। साथ ही लिखवाया है कि ‘धर्म ना जात – करे सबकी बात’। हालांकि, इस लाइन के बावजूद पोस्टर में सबकी बात की जगह परिवार को ही महत्व दिया गया है। दरअसल, इसमें जिन 11 लोगों के चेहरे शामिल किए गए हैं, उनमें चार तो पासवान परिवार के ही सदस्य हैं।

पोस्टर में सबसे बड़ी तस्वीर चिराग पासवान की है। लोकजनशक्ति पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद पहले बॉलीवुड में किस्मत आजमाई और फिर राजनीति में। वे 2014 से ही जमुई सीट से लोकसभा सांसद हैं। वे फिलहाल लोजपा के अध्यक्ष हैं।


पोस्टर में चिराग के साथ जो सबसे बड़ा नाम है, वह है पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान का। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान आठ बार के लोकसभा सांसद और इस वक्त राज्यसभा सांसद हैं। इस वक्त वे केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामलों और खाद्य एवं लोक वितरण विभाग के मंत्री हैं।

इसके अलावा पोस्टर में पासवान परिवार के ही नेता पशुपति कुमार पारस की तस्वीर भी शामिल है। पशुपति कुमार 2019 में लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान की प्रतिष्ठा मानी जाने वाली सीट हाजीपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। वे अपने भाई रामविलास के काफी करीब माने जाते हैं और पार्टी में उनका कद भी काफी ऊंचा है।

पासवान परिवार का जो तीसरा नाम पोस्टर में है, वह हैं प्रिंस राज पासवान। प्रिंस रामविलास पासवान के दिवंगत भाई राम चंद्र पासवान के बेटे हैं। प्रिंस ने अपने पिता की सीट से ही पिछले साल उपचुनाव लड़ा था और कांग्रेस नेता अशोक कुमार को शिकस्त दी थी। प्रिंस के पार्टी में कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे इस वक्त बिहार में लोजपा के अध्यक्ष हैं। उनसे पहले उनके चाचा पशुपति कुमार पारस इस पद पर थे।

चिराग के पोस्टर में सभी वर्गों की बात क्यों?
बता दें कि चिराग पासवान एनडीए में सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू का लगातार विरोध कर रहे हैं। अब सीएम नीतीश ने जीतन राम मांझी को एनडीए में ले आए हैं। इस बात से भी चिराग नाराज हैं। ऐसे वक्त में चिराग का समाज के सभी वर्गों की बात करना जरूरी हो गया है। दरअसल मांझी महादलित समुदाय के नायक माने जाते हैं। ऐसे में लोजपा पर जातीय संतुलन बनाकर समर्थन हासिल करने का दबाव है।