इन दिनों केरल में एक बार फिर कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। इस बीच राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का भी सिलसिला शुरू हो गया है। ईद पर राज्य सरकार द्वारा छूट दिए जाने के फैसले की आलोचना की जा रही है। वहीं कुंभ मेले का भी मुद्दा फिर से गरम हो गया है। न्यूज 18 पर बहस के दौरान इसी मुद्दे पर सीपीआई नेता विवेक श्रीवास्तव और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा भिड़ गए। संबित पात्रा कहने लगे कि अगर ऐसी बातें रहमानी या जिनामी करते तो मुझे दुख न होता लेकिन विवेक श्रीवास्तव भी ऐसी बात कर रहे हैं। यानी वह अपने संस्कार भूल गए हैं।

सबसे पहले शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये सीपीआई के नेता कुंभ मेले को कोस रहे थे। आज केरल में पॉजिटिविटी रेट 12 फीसदी हो गया है। मल्लापुरम में कोरोना फट पड़ा है। लेकिन ये लोग मुंह नहीं खोलते। इसका मतलब कोविड बहाना है, हिंदुओं पर इनका निशाना है। क्या ईद पर ट्वीट करने की इनकी हिम्मत है?

इसके बाद सीपीआई नेता विवेक श्रीवास्तव कहने लगे, हम कमुनल नहीं हैं भाजपा या संबित पात्रा की तरह कि डॉक्टर होकर भी वैज्ञानिक सोच की बात न करें। हिंदुओं और मुस्लिमों की आबादी की बात न करें। शहजाद पूनावाला की तरह झूठे आंकड़े पेश करें। हिंदू-मुसलमानों में सांप्रदायिकता और गंदगी फैलाएं। आपका सारा डेटा गलत है और आप फिर से हिंदू मिसलमानों को लड़ाना चाहते हैं। इसके बाद शहजाद और विवेक में तेज बहस शुरू हो गई। वे एक दूसरे पर चीखने लगे। विवेक कहने लगे की आप लोग यहां दंगा फैलाने के लिए बैठे हैं।

शहजाद ने कहा जब कुंभ को गाली दी जा रही थी तब आपका गुस्सा कहां था। विवेक श्रीवास्तव कहने लगे कि किसी मुसलमान मौलाना ने कुंभ को गाली नहीं दी। इसके बाद संबित पात्रा कहने लगे कि किसी मौलाना ने गाली नहीं दी लेकिन श्रीवास्तव जी ने गाली दी। यह दुख की बात है। बीच में मोहम्मद अली जिन्ना की भी बात हो गई। संबित ने कहा, 100 साल में देश के इतने टुकड़े हो गए। वक्त के दायरे में 100 साल की कोई औकात नहीं है। उसी में देश बंट गया। तोड़ने वालों का इतिहास जिन्ना का इतिहास है।

संबित पात्रा ने कहा, यहां श्रीवास्तव जी जैसे हाजारों लोग हैं जो अपने ही संस्कारों को गाली देते हैं। कोई रहमानी जी नहीं बल्कि यही चिल्लाते हैं कि होली में पानी मत खर्च करिए। रूद्राभिषेक से पहले यही लोग कहते हैं कि कावड़िये अनपढ़ होते हैं। प्रदूषण होता है, दीवाली मत मनाइए। ये हिंदुस्तान हजार वर्षों तक ऐसे ही गुलाम नहीं रहा है। मुझे रहमानी से शिकायत नहीं है, मुझे श्रीवास्तव जी से शिकायत है।

संबित पात्रा यह भी कहने लगे कि वर्षों पहले रहमानी के भी पूर्वज रामनारायण तिवारी होंगे। अब आप रहमानी हो गए, मुझे आपसे आपत्ति नहीं है।