हरियाणा में नौ महीने पुरानी मनोहर लाल खट्टर की गठबंधन सरकार में आपसी खींचतान शुरू हो गई है। लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की तस्करी पर राज्य के गृह मंत्री अनिल विज और राज्य के उप मुख्यमंत्री और उत्पाद मंत्री दुष्यंत चौटाला आमने-सामने आ गए हैं।

गृह मंत्री विज ने मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्क्वायरी टीम (SET) की रिपोर्ट को मानते हुए विजिलेंस जांच कराने और FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं, जबकि दुष्यंत चौटाला ने SET की सिफारिशों और तथ्यों को खारिज कर दिया है। अनिल विज पर निशाना साधते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, “पहले, गृह मंत्री को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उनके विभाग ने उस वाहन चालक के खिलाफ जांच क्यों नहीं की, जिसके खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज हैं और SET ने अपनी रिपोर्ट में उसे निशाने पर लिया है।”

चौटाला ने कहा “लोग मेरे विभाग के अनुपालन के बारे में बात करते हैं। SET 14 एफआईआर के बारे में बात करती है जो पहले से पंजीकृत हैं। इनमें ज्यादातर वे शामिल हैं जो मेरे आबकारी मंत्री बनने और पदभार संभालने से पहले से पंजीकृत किए गए हैं। आबकारी विभाग का उद्देश्य ऐसी विसंगतियों को पकड़ना है और संबंधित अधिनियम के तहत पुलिस को मामला सौंपना है। साथ ही यह बताया जाना चाहिए कि उन एफआईआर में क्या कार्रवाई की गई? क्या यह पुलिस की अक्षमता नहीं है कि वे वाहनों के चालक (अवैध शराब ले जाने) से आगे की जांच नहीं कर सकते हैं? क्या यह पुलिस की अक्षमता नहीं है कि आज तक जांच अधिकारी या पुलिस उपाधीक्षक या उन एफआईआर की जांच करने वाला कोई अन्य अधिकारी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका?”

राज्य के पुलिस विभाग पर हमला बोलते हुए चौटाला ने कहा, हमारा जनादेश बहुत स्पष्ट है। यदि ऐसा कोई अवैध व्यापार है, तो हम इसे पकड़ सकते हैं। यदि आबकारी की चोरी होती है, तो हम एफआईआर दर्ज कर सकते हैं, और पुलिस को सौंप सकते हैं। लेकिन जिस तरह से बार-बार पुलिस की अक्षमता आबकारी विभाग को निर्देशित की जा रही है – मैं मौजूदा गृह मंत्री के बारे में बात नहीं करता, लेकिन मैं मानता हूं कि अतीत में भी (एसईटी की रिपोर्ट के अनुसार) पुलिस की जिम्मेदारी अधिक है जो अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही।”

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कई मामलों पर SET ने टिप्पणी की है लेकिन उनमें से कई मामलों में सही तरीके से जांच नहीं की है। 22 जिलों में शराब दुकानों की बंदी ऑन रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जांच निष्पक्ष एवं और अच्छे तरीके से होना चाहिए था।”