बिहार चुनाव में इस बार विपक्ष द्वारा वोट चोरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा इसका जिक्र किया है, वे इसी आधार पर कई यात्राएं भी निकाल रहे हैं और बीजेपी के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। अब अभी तक तो राहुल गांधी का हमला सिर्फ वोट चोरी तक सीमित था, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने इस मुद्दे के साथ Gen Z समाज को भी जोड़ दिया है। उन्होंने भरोसा जताया है कि बिहार का Gen Z ना सिर्फ इस मुद्दे को उठाया बल्कि वही अब देश के संविधान की भी रक्षा करेगा।

राहुल गांधी ने Gen Z से क्या अपील की?

बुधवार को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि देश के Yuva, देश के Students, देश के Gen Z संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं। जय हिंद! अब राहुल गांधी ने जैसे ही Gen Z को अपने पाले में लाने की कोशिश की, बीजेपी ने भी बिना देर किए उन पर हमला कर दिया। निशिकांत दुबे ने एक्स पर ही राहुल पर निशाना साधते हुए लिखा कि Gen Z परिवार वाद के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि वह नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव जी, सोनिया जी के बाद राहुल जी को क्यों बर्दाश्त करेगा? वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है, आपको क्यों नहीं भगाएगा? वह बांग्लादेश में इस्लामिक राष्ट्र और नेपाल में हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है, वह भारत को हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं बनाएगा? देश छोड़ने की तैयारी आप कर लीजिए — आ रहे हैं। अब दोनों ही ट्वीट में एक बात समान है- Gen Z। इन Gen Z समाज की ताकत को कोई भी दल हल्के में नहीं ले रहा है।

बीजेपी ने राहुल पर कैसे किया पलटवार?

इसी Gen Z ने श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन करवाया, बांग्लादेश में शेख हसीना को इस्तीफा देने पर मजबूर किया और इसी Gen Z ने नेपाल में केपी ओली की सरकार को गिरा दिया। अब उसी Gen Z की ताकत को राहुल गांधी बिहार चुनाव में इस्तेमाल करना चाहते हैं, अपनी पोस्ट में उन्होंने जिक्र जरूर पूरे देश का किया है, लेकिन माहौल क्योंकि बिहार में सियासी रूप से गर्म है, ऐसे में इसके ज्यादा मायने भी यही निकाले जा रहे हैं। यहां जानते हैं कि बिहार में Gen Z की कितनी तादाद है।

हर राज्य में कितनी है Gen Z आबादी?

असल में हाल ही में Pixels ने एक पूरे देश में सर्वे किया था, उसमें बताया गया कि कौन से राज्य में कितने Gen Z रहते हैं। नीचे दी गई टेबल से समझते हैं कि किस राज्य में सबसे ज्यादा Gen Z रहते हैं।

रैंकराज्यGen Z आबादी का प्रतिशत (%)
1बिहार32.50%
2जम्मू और कश्मीर30.80%
3उत्तर प्रदेश30.00%
4राजस्थान29.20%
5असम28.60%
6मध्य प्रदेश28.20%
7छत्तीसगढ़27.80%
8हरियाणा26.60%
9ओडिशा25.90%
10दिल्ली (UT)25.80%
सोर्स: India In Pixels Report

अब ऊपर दी गई टेबल से स्पष्ट है कि चुनावी राज्य बिहार में ही सबसे ज्यादा Gen Z रहते हैं। बड़ी बात यह है कि Gen Z उन लोगों को कहते हैं जो 1997-2012 के बीच जन्मे होते हैं। ऐसे में अगर हम इस रिपोर्ट के अलावा 2011 की जनगणना को आधार माने तो भी बिहार में इस उम्र के लोगों की संख्या 17 से 20 प्रतिशत के आसपास बैठती है। यह बताने के लिए काफी है कि राहुल गांधी आखिर क्यों इस समुदाय को टारगेट कर रहे हैं।

बिहार की आबादी का विश्लेषण

वैसे अगर 2011 की जनगणना पर नजर डालें तो उससे बिहार की आबादी को लेकर और जानकारी मिलती है। हर कोई जानना चाहता है कि स आयु वर्ग के कितने लोग इस राज्य में रहते हैं। नीचे दी गई टेबल में उसका डेटा भी दिया गया है-

बिहार एज ग्रुपकुल आबादीप्रतिशत
0-41,27,65,02912.26%
5-91,50,36,27714.44%
10-141,39,19,88213.37%
15-1994,72,6959.10%
20-2480,64,7357.75%
25-2976,71,7057.37%
सोर्स: जनगणना 2011

फर्स्ट टाइम वोटर्स और बिहार चुनाव

वैसे बिहार के जो फर्स्ट टाइम वोटर होंगे, उन्हें भी Gen Z में ही शामिल किया जाएगा। इस समय राज्य में स्पेशल इंटेसिव रिवीजन यानी कि SIR की प्रक्रिया चल रही है। अगर इलेक्टोरल रोल पर नजर डालें तो पता चलता है कि बिहार में इस बार 10.77 लाख नए मतदाता जुड़े हैं जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। ऐसे में इस आगामी चुनाव में ये वोटर्स भी एक अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं और उनका वोट भी कई सीटों पर हार-जीत तय करेगा।

बिहार का युवा किसके साथ है?

हाल ही में InkInsight ने भी एक सर्वे किया था, उससे पता चला कि 18 से 29 साल की उम्र वाले युवाओं के बीच में एनडीए का समर्थन महागठबंधन की तुलना में थोड़ा ज्यादा है। उस सर्वे के मुताबिक 18 से 29 साल की उम्र वाले 44.6 फीसदी युवा एनडीए के साथ जा सकते हैं, वहीं 39.5 फीसदी युवा महागठबंधन को अपना वोट देंगे। उसी सर्वे में एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि इन युवाओं के बीच मुख्यमंत्री रेस में सबसे आगे तेजस्वी यादव चल रहे हैं।

अब ऊपर दिए गए तमाम आंकड़ों से ये तो पता चल गया बिहार में युवाओं की आबादी काफी निर्णनायक और हर कीमत पर महागठबंधन इसे अपने पाले में चाहता है। लेकिन राहुल गांधी का सिर्फ इतना मकसद है कि बिहार का Gen Z उनके वोट चारी के आरोप को अपना समर्थन दे, चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया का वो विरोध करे। अब एक सर्वे से इस बात की भी थोड़ी जानकारी मिलती है।

वोट चोरी के आरोप पर बिहार क्या सोचता है?

CVoter MOTN, 2025 के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो बिहार की 18 से 24 साल की सिर्फ 32.2 फीसदी आबादी ने ही SIR को एक सही प्रक्रिया माना बाकि युवाओं ने इस पर गंभीर सवाल उठाए। जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी बिहार चुनाव में इसी अविश्वास पर खेलना चाहते हैं। वैसे पिछले कुछ चुनावों में अविश्वास ने भी चुनावी परिणामों पर अपना असर डाला था।

अविश्वास फैक्टर, राहुल कितने होंगे सफल?

2024 का लोकसभा चुनाव नहीं भूलना चाहिए विपक्ष ने एक ऐसा सियासी चक्रव्यूह रचा था जहां पर 400 पार का मतलब ही संविधान खत्म करने, संविधान बदलने से जोड़ दिया गया था। खुद राहुल गांधी ने इस नैरेटिव को आगे बढ़ाया था और चुनावी नतीजें बताते हैं कि इसका काफी हद तक फायदा भी हुआ। बीजेपी अपने दम पर बहुमत से पीछे रह गई और उसे सिर्फ 240 सीटों पर समेट दिया। ऐसे में राहुल गांधी का अगर वोट चारी का आरोप साबित नहीं हो पाए, चुनावी मौसम में इसके जरिए माहौल जरूर बनाया जा सकता है। वे इस माहौल को बनाने के लिए Gen Z का साथ चाहते हैं।

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