हिंदी की मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 93 साल की थीं। सोबती का जन्म फरवरी 1925 में गुजरात-पंजाब प्रांत में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। बंटवारे के दौरान उनका परिवार हिंदुस्तान आ गया था। उनकी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और शिमला में हुई।
सोबती ने लेखन की शुरुआत कविताओं से की थी, लेकिन बाद में उनका रुख फिक्शन की ओर हो गया, जिसमें उन्हें कई अवॉर्ड मिले। सोबती को 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वहीं, भारतीय साहित्य जगत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 2017 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया। 2018 में उनका ऑटोबायोग्राफिकल नॉवेल ‘गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान’ रिलीज हुआ था।