इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्टूबर को देश को खुले में शौचमुक्त घोषित करने वाले है। इसको लेकर सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह एक बार उत्तर भारत की ओर सुबह-सुबह ट्रेन से यात्रा करके हकीकत देख लें, उसके बाद ही यह घोषणा करें। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में इसी को लेकर मध्यप्रदेश में हुई दो बच्चों की हत्या की भी जानकारी ले लें। गांधी जयंती पर अपने भाषण में इन मुद्दों को भी उठाने का उन्होंने आग्रह किया।
मारे गए बच्चों के पास टायलेट नहीं था : पीएम मोदी को लिखे पत्र में कम्युनिस्ट नेता विश्वम ने हाल ही में मध्य प्रदेश में दो बच्चों की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वे खुले में शौच कर रहे थे। कहा कि वे दलित बच्चे थे और उनके पास टायलेट नहीं है और न ही उन्हें गांव के सार्वजनिक नल और कुंए से पानी लेने की इजाजत है। कहा कि इन बच्चों को स्कूल में अन्य बच्चों के साथ बैठने की भी इजाजत नहीं थी।
पूछा आखिर सच कैसे छिपेगा : कहा कि हमारी प्रणाली ने इन दलित बच्चों को मारने से अभियुक्तों को नहीं रोका, जो घर में शौचालय नहीं होने के कारण खुले में शौच करने के लिए मजबूर थे। पूछा कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के भावखेड़ी गांव के 10 और 12 वर्ष की आयु के इन दो बच्चों का क्या कसूर है, जिन्हें सुविधा भी नहीं मिली और अधिकार भी नहीं है। अब उनकी हत्या कर दी गई है। पूछा कि आखिर सच कैसे छिप पाएगा।
वास्तविकता और घोषणा अलग-अलग : वामपंथी नेता ने अपने पत्र में पीएम मोदी से कहा कि इस साल दो अक्टूबर को आप खुले में शौचमुक्त भारत की घोषणा करने जा रहे हैं। यह अच्छा होगा कि उसके पहले उत्तर भारत की ओर सुबह-सुबह आप ट्रेन से एक यात्रा कर लें। जब हमारी वास्तविकता यह है तो घोषणा कितनी अच्छी होगी।
भाषण में बच्चों को भी जगह दें : लेफ्ट नेता विश्वम ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इन दलित समुदायों के आंसू पोंछने की आशा की थी। मुझे आश्चर्य है कि गोडसे ने जब महात्मा को गोली मारी, तब उसने भी इन लक्ष्यों को नहीं मारा। कहा – यदि आप उनके परिवार के नुकसान की गहराई को महसूस कर सकते हैं, तो इन दोनों बच्चों के लिए कम से कम अपने भाषण में कुछ शब्दों को भी जरूर जोड़ दें, मुझे यकीन है कि आप ऐसा जरूर करेंगे।