एलडीए के मुख्य अभियंता (सिविल) इंदुशेखर सिंह को बृहस्पतिवार अचानक हटा दिया गया। सिंह सात दिन बाद 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे। शासन ने अनियमितताओं के आरोपों की जांच के बाद यह कार्रवाई की है। विशेष सचिव डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने आदेश में कहा कि मुख्य अभियंता आवास बंधु से संबद्ध रहेंगे। उनकी जगह दूसरे मुख्य अभियंता की तैनाती के आदेश भी शासन ने जारी कर दिए हैं।

लेकिन यह खबर चर्चा में इसलिए भी है, क्योंकि चीफ इंजीनियर ने कमिश्नर रंजन कुमार को आवंटित सरकारी आवास में 81 लाख 79 रुपये से मरम्मत और सजावट करने के प्रस्ताव पर एक दिन पहले ही 21 जून को आपत्ति लगा दी थी। 22 जून को एलडीए बैठक के तुरंत बाद प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने चीफ इंजीनियर को पद से हटाने का पत्र जारी कर दिया। यह महज संयोग भी हो सकता है, लेकिन सत्ता के गलियारों में इस तबादले की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।

वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एलडीए के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सिंह के आरोपों की जांच कराने के लिए गोपनीय पत्र प्रमुख सचिव (आवास) को भेजा था। इस पत्र पर मुख्य अभियंता को एलडीए से हटा करके जांच बैठाई गई है। इंदुशेखर सिंह वर्ष 2017 से मुख्य अभियंता के पद पर तैनात थे। सत्ता एवं शासन में दखल रखने के कारण मुख्य अभियंता का कई ठेकेदारों एवं उच्च अफसरों से जमकर विवाद भी हुआ।

क्या है पूरा मामला-
इंदु शेखर सिंह वर्ष 2017 से लविप्रा में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात हैं। उनके खिलाफ एक शिकायत पर विजिलेंस की जांच हुई थी। जांच रिपोर्ट के बाद मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बीती 29 मार्च को इंदु शेखर सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखा था। इंदु शेखर सिंह के खिलाफ शारदानगर योजना के अंतर्गत रक्षाखंड एल्डिको-2 स्थित प्राकृतिक झील के सुंदरीकरण और गोमतीनगर विस्तार योजना के सेक्टर सात में अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण में आमंत्रित ई-टेंडर को अनियमित रूप से स्वीकृत करने की शिकायत हुई थी।

शिकायत में आरोप लगा था कि मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह ने प्राकृतिक झील का बायो इंजीनियरिंग तकनीक से सुंदरीकरण का 4.83 करोड़ रुपये का कार्य मेसर्स शिवांश वेंचर्स को दे दिया।

आरोप लगा कि इस फर्म ने ई-टेंडर में हिस्सा ही नहीं लिया था। प्राकृतिक झील के सुंदरीकरण के लिए 20 जुलाई 2020 से 18 मार्च 2021 तक पांच बार निविदा आमंत्रित की गई। इसके बाद 13 सितंबर 2021 को जब निविदा आमंत्रित की गई तो उसमें पांच कंपनियों ने हिस्सा लिया था। तीन फर्म तकनीकी बिड में अयोग्य ठहरा दी गई।

अंतिम में शिवांश वेंचर प्रा. लि. और पाल बिल्डर्स टेंडर की दौड़ में रह गईं। दोनों ही फर्म ने सड़क व नाली निर्माण का अनुभव का प्रमाण पत्र लगाया। जांच में पता चला कि दोनों ही फर्म के पास बायो इंजीनियरिंग से सुंदरीकरण का कोई अनुभव नहीं है। मेसर्स शिवांश वेंचर प्रा. लि. ने मेसर्स शिवांश कंस्ट्रक्शन के नाम से लगाया गया। जांच में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने का आरोप सही साबित हुआ है।

इस पूरे मामले पर इंदुशेखर सिंह का कहना है, ‘ मैंने अवस्थापना मद से पैसे देने से इनकार किया। मुमकिन है मुझे हटाने की यह वजह हो। मैं हर जांच को तैयार हूं।

अवधेश तिवारी संभालेंगे कमान
एलडीए के वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता (सिविल) अवधेश तिवारी मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह की कमान को सभालेगे। शासन के एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही अवधेश तिवारी की तैनाती के आदेश जारी होंगे। मगर, मुख्य अभियंता की कुर्सी पर काबिज होने की दौड़ में अधीक्षण अभिंयता (इलेक्ट्रिकल) अजय कुमार सिंह भी शामिल हैं।