पुलिस ने बुधवार को वाराणसी में बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 करोड़ की प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद की है। पुलिस ने बताया कि इसे एक गोदाम में छिपा कर रखा गया था। पुलिस ने बताया है कि दो तरह के ब्रांड वाली प्रतिबंधित कफ सिरप मिली हैं।

पुलिस ने बताया कि कोडिन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप की 93 हजार शीशियां बरामद की गई हैं। पुलिस उपायुक्त (वरुणा जोन) प्रमोद कुमार ने बताया कि प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने भदवर इलाके में छापेमारी के दौरान यह बरामदगी की। इस सिरप का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। 

पुलिस के मुताबिक, इन कफ सिरप को जहां भेजा जाना था और जहां से यह कफ सिरप लाई गई है, वहां पर भी पुलिस टीम जांच कर रही है। प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद उत्पाद में दो ब्रांड के कफ सिरप की बोतले हैं और दोनों ब्रांड में कोडिन की मात्रा है। कुमार ने बताया कि बरामद किए गए कफ सिरप की खेप गाजिबाद से चंदौली ले जाई जानी थी।

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इस मामले में माल की अनलोडिंग करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस आगे की जानकारी इकट्ठा कर रही है। पुलिस ने बताया कि महेश सिंह नाम के शख्स का यह गोदाम है और यहीं पर इस कफ सिरप को स्टोर किया गया था।

28 दवा कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज

कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के लिये तस्करी किए जाने के आरोप में सोमवार को वाराणसी में 28 दवा कारोबारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने सोमवार को बताया कि खाद्य एवं औषधि विभाग की जांच में पता चला कि वाराणसी के प्रह्लाद घाट निवासी शुभम जायसवाल एवं उसके पिता भोलानाथ प्रसाद ने प्रतिबंधित कोडिनयुक्त सिरप को रांची स्थित अपनी कंपनी से वाराणसी के 26 कारोबारियों को भेजा और इस सिरप का प्रयोग नशे के लिए किया गया।

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इस मामले में खाद्य एवं औषधि विभाग के निरीक्षक जूनाब अली की तहरीर पर 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। निरीक्षक ने बताया कि औषधि निरीक्षक जूनाब अली ने तहरीर दी कि रांची के शैली ट्रेडर्स द्वारा वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी मात्रा में कोडिनयुक्त कफ सिरप की बिक्री किये जाने का मामला सामने आने पर कुल 26 कंपनियों का निरीक्षण किया गया तथा इनमें से कई कंपनियां बंद पायी गयीं।

पुलिस ने बताया कि कंपनियों के पोर्टल पर उपलब्ध नंबरों पर कॉल करने पर भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। पुलिस अफसर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोडिनयुक्त कफ सिरप का दुरुपयोग संभवत: नशे के लिये किया गया है। इस मामले में शुभम जायसवाल, भोलानाथ प्रसाद तथा 26 दवा कारोबारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

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