जनता दल युनाइटेड (जदयू) के सीनियर नेता शरद यादव की चुप्पी सबको खटक रही है। नीतीश कुमार द्वारा गठबंधन को तोड़कर भाजपा के साथ मिल जाने के बाद शरद यादव ने मीडिया से कोई बात नहीं की है। ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव ने शरद के बारे में चौंकाने वाला बयान दिया। एनडीटीवी से बात करते हुए लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा विश्वास मत ( एनडीए 131-108 से जीत गई) हासिल करने के बाद शरद ने उनको फोन किया और कहा कि वह लालू के साथ हैं। पिछले कुछ वक्त से नीतीश कुमार विपक्ष की 18 पार्टियों से बातचीत नहीं कर रहे थे। ऐसे में जदयू की तरफ से शरद यह काम देख रहे थे। उन पार्टियों के साथ मीटिंग्स में शरद यादव लगातार कहते रहे कि जदयू की भी पहली लड़ाई बीजेपी और नरेंद्र मोदी से ही है।

बिहार का महागठबंधन (नीतीश और लालू की पार्टी के बीच) टूटने के बाद शरद यादव की चुप्पी के लोग अपने-अपने मायने लगा रहे हैं। शरद यादव पिछले कुछ महीनों से संसद में भी चुपचाप दिखे। मीटिंग और किसी कार्यक्रम में नेताओं और लोगों से मिलते वक्त वह ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे। जिस जिन नीतीश कुमार एनडीए में वापस आए उस दिन शरद यादव एक कार्यक्रम में थे। लेकिन वह वहां ज्यादा देर रुके नहीं।

विधानसभा में तेजस्वी यादव की स्पीच

इसके अगले दिन संसद में भी वह दूसरे दरवाजे से अंदर घुसे। माना जा रहा है कि उन्होंने ऐसा मीडिया वालों से बचकर निकलने औ बात ना करने के लिए किया। शरद का यह बर्ताव अजीब इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आमतौर पर वह मीडिया से खुलकर बात करते रहे हैं। लेकिन अब पिछले तीन दिनों से वह मीडिया के सामने नहीं आए हैं।