बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े तमाम किस्से लोगों जानते है। इसी तरह का एक किस्सा है जो उनके सास-ससुर से जुड़ा है। दरअसल लालू के सास-ससुर और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के माता-पिता, महरजिया देवी और शिव प्रसाद चौधरी एक बार बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए थे। टिकट चेक करने वाले ने जब उन दोनों से टिकट मांगा तो उन लोगों ने कहा कि वो लोग टिकट लेकर कभी यात्रा नहीं करते। जिसके बाद रेलवे के अधिकारी ने उन दोनों का चालान करते हुए जुर्माना लगा दिया था।
बात उन दिनों की है, जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री हुआ करते थे। फरवरी का महीना था साल था 2007, उस दिन लालू यादव के सास-ससुर, महरजिया देवी और शिव प्रसाद चौधरी हाजीपुर से सीवान तक यात्रा करने के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन की प्रथम श्रेणी में सवार हुए। इसी दौरान टिकट चेक करने वाले ने उन दोनों से टिकट मांगा और फिर पूरा मामला सामने आया।
2004 से 2009 तक देश के रेल मंत्री थे लालू यादव
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लालू के सास-ससुर हाजीपुर से सीवान जा रहे थे, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं ली थी। जब ट्रेन सीवान से पहले दुरौंधा स्टेशन पर पहुंची। उसी दौरान वहां टिकट चेकर ने शिवप्रसाद चौधरी से टिकट मांगी तो उन्होंने टिकट न होने की जानकारी दी। इसके साथ उन्होंने बताया, ‘हमने कभी ट्रेन में टिकट लेकर यात्रा नहीं की।’ इस बात का जिक्र खुद बीबीसी संवाददाता आलोक कुमार ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था।
दरअसल बीबीसी के संवाददाता आलोक कुमार उसी ट्रेन से यात्रा कर रहे थे और उन्होंने पूरा नजारा अपनी आंखों से देखा, रेल मंत्री के सास-ससुर इस बात को लेकर काफी चकित थे कि उन्हें टिकट भी लेने की जरूरत है। उन्होंने बीबीसी संवाददाता को बताया कि हाजीपुर के स्टेशन मास्टर ने खुद आकर उन्हें ट्रेन में बिठाया था इसलिए उन्हें “टिकट लेकर चलने की क्या जरूरत है?”
रेलवे अधिकारी की लालू ने की थी तारीफ
लेकिन उस दौरान रेलवे में तैनात ‘देवमणि दुबे’ नाम के अधिकारी ने लालू के सास-ससुर पर बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना भी लगाया था और इस कदम के लिए अधिकारी की खूब तारीफ भी हुई थी। मामला तूल पकड़ने के बाद लालू यादव ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए मीडिया से कहा, “देखिए रेलवे कितना सतर्क और जिम्मेदार हो गया है। मेरे सास ससुर थे फिर भी उन पर जुर्माना लगाया गया। ये गर्व की बात है रेलवे के लिए और सीख है उन लोगों के लिए जो बिना टिकट यात्रा करते हैं।”
दरअसल साल 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनी यूपीए सरकार में लालू यादव देश के रेल मंत्री बने थे। वो इस पद पर साल 23 मई 2009 तक रहे। वहीं लालू यादव साल 1990 से लेकर 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी साल 2005 तक बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं।
भारतीय मिठाई के नाम पर रखा गया राबड़ी का नाम
बिहार के गोपालगंज जिले के मीरगंज के पास स्थित सालार कलां गांव के रहने वाले शिव प्रसाद चौधरी और महरजिया देवी के घर राबड़ी देवी का जन्म 1 जनवरी 1955 को हुआ था। अपने गांव के स्थानीय स्कूल से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाली राबड़ी के परिवार की एक परंपरा के अनुसार उनका नाम एक भारतीय मिठाई के नाम पर रखा गया। उनकी तीन अन्य बहनों के नाम भी जलेबी, रसगुल्ला और पान पर है।
