लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप अक्सर अपने बयान और वेशभूषा के चलते चर्चा में बने रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले तेजप्रताप ने फेसबुक लाइव के दौरान अपना घर और दफ्तर दिखाया। यहां दीवारों पर लगी तस्वीरों में लालू यादव की राजनीतिक यात्रा और तेज-तेजस्वी के बचपन को संजोया गया है। इस वीडियो में तेजप्रताप में अपना घर, डिजाइनर, कर्मचारी, घोड़ा, गाय और पालतू कुत्तों को भी दिखाया।

कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुके तेजप्रताप इस वीडिया में काफी शांत दिख रहे हैं। पिता लालू यादव से मुलाकात के बाद उनका गुस्सा खत्म होता दिखाई दिया। एक बार फिर वो अपने पुराने रंग में दिखे।

तेजप्रताप ने लाइव के दौरान अपने समर्थकों से पूछा कि क्या वो उनके घर के गायों को देखना चाहेंगे, फिर वो कैमरा घुमाए और लोगों को घर दिखाना शुरू कर दिया। तेजप्रताप ने अपने घर में लगी कृष्ण और राधा की तस्वीर को दिखाते हुए कहा कि इन्हीं के आशीर्वाद से वो आगे बढ़ रहे हैं।

इसके बाद तेजप्रताप उस दीवार के पास पहुंचे जहां उन्होंने अपने पिता यानि कि लालू प्रसाद यादव की तस्वीरों को लगा रखा है। लालू के छात्र जीवन से लेकर अबतक की तस्वीरों का कलेक्शन तेजप्रताप ने लगा रखे हैं। फोटो के साथ-साथ तेजप्रताप उसके समय और घटना के बारे में बताते दिख रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने अपने दर्शकों को अपने ऑफिस के वीडियो टूर पर ले गए। इस दौरान तेजप्रताप अपने डिजाइनर से मिलवाते हैं, जो उनका और तेजस्वी यादव का कुर्ता सिलते हैं। यहां के बाद तेजप्रताप वहां पहुंचते हैं, जहां उन्होंने अपने पालतू जानवरों को रखे हुए थे। तेजप्रताप ने बताया कि उनके पास चार विदेशी नस्ल के कुत्ते हैं।

कुत्तों को दिखाते हुए तेजप्रताप दूर से ही अपने घोड़ों को दिखाते हैं। वो बताते हैं कि उनके पास दो घोड़े हैं। इसके बाद तेजप्रताप गौशाला में चले जाते हैं, जहां उनकी गाय बंधी दिखती है। इस दौरान तेजप्रताप कहते हैं कि वो गायों के बिना रह ही नहीं सकते। घर का टूर कराते-कराते तेजप्रताप पीएम मोदी पर भी गायों को लेकर निशाना साध जाते हैं।

गाय और घोड़ों को दिखाने के बाद तेजप्रताप वहां पहुंचते हैं, जहां वो पूजा-अराधना करते हैं। घर के ही एक कमरे में तेजप्रताप ने मंदिर बना रखा है। जहां उन्होंने अपने अराध्य राधा-कृष्ण और भगवान शंकर की मूर्तियां लगा रखी है।

बता दें कि तेजप्रताप अपने आप को कृष्ण और महादेव का भक्त बताते रहे हैं। इनकी तरह की वेशभूषा भी तेजप्रताप ने कई बार धारण किया है।