बैंक द्वारा कर्नाटक निवासी के खाते से पैसे काटने की बात सामने आई है। बता दें कि लक्ष्मी विलास बैंक को अपने एक ग्राहक के खाते से ‘बिना किसी ठोस कारण’ के पैसा काटना काफी महंगा पड़ा है। मामले में अब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बैंक को इस ग्राहक को 40.85 लाख रुपए और साथ ही मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां ग्राहकों के खातों से बैंक द्वारा पैसे काटे गए हैं। ऐसे मामले में बहुत ही कम ग्राहक शिकायत करने के लिए सामने आते हैं।
क्या है मामलाः बता दें कि इस मामले में एनसीडीआरसी के पीठासीन सदस्य दीपा शर्मा और सदस्य सी विश्वनाथ ने कहा, लक्ष्मी विलास बैंक ने बिना किसी वैध कारण के अपीलकर्ता के खाते से 40,85,254 रुपए की राशि काट ली थी। एनसीडीआरसी ने यह भी स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता गोपाल को इस कटौती से 40,85,254 रुपए का नुकसान हुआ है। आयोग ने यब भी कहा कि शिकायतकर्ता को बैंक से इस राशि का दावा करने का अधिकार भी है।
Hindi News Today, 16 November 2019 LIVE Updates: बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आयोग ने बैंक से ब्याज संग मुआवजा देने को कहाः आयोग ने बैंक को कर्नाटक निवासी गोपाल के खाते से 11 अप्रैल 2015 को काटी गई धनराशि पर भुगतान करने की बात कही है। उसने यह भी आदेश दिया है कि धनराशि काटे जाने के दिन तक ब्याज शिकायतकर्ता को दिया जाए। इसके साथ उसे 25000 रुपए का मुआवजा भी देने का निर्देश दिया गया है।
बैंक द्वारा की गई गलत कटौती के कई और मामलेः बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मंडी में ऐसे ही ग्राहक के खाते से गलती में बैंक द्वारा पैसे काटकर अन्य खाते में भेजने का मामला सामने आया था। मंडी बाजार के मोती बाजार निवासी अरुण पुरी ने पंजाब नेश्नल बैंक पर यह भी आरोप लगाया है कि मामले का खुलासा होने के बाद बैंक अपनी गलती नहीं मान रहा है और पैसे लौटाने से भी मना कर रहा है। इसके साथ उत्तर प्रदेश के कम्हरिया गांव स्थित काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में किसानों के खाते से भी बैंक द्वारा पैसे काटे जाने की खबर सामने आई हैं। उनका आरोप है कि यह कटौती बिना उनकी जानकारी की हुई है।