मंगलवार को पीएम मोदी के यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते ही इसपर गाड़ियां सरपट भागने लगी हैं। चुनाव के इस महौल में फिलहाल एक्सप्रेस-वे पर टोल नहीं लग रहा है। हालांकि यहां अभी कई यात्री सुविधाओं का अभाव है।

लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक जाने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 341 किलोमीटर लंबी है। इस एक्सप्रेस-वे पर कई ऐसी यात्री सुविधाओं की भी यहां कमी है, जो लोगों को परेशानी में डाल सकती है। मिली जानकारी के अनुसार यहां अभी ना तो कोई पेट्रोल पंप बन कर तैयार हुआ है। ना ही यात्री सुविधा के लिए रेस्टोरेंट या फूड प्वांइट है और ना ही कोई गैरेज। यानि कि अगर 341 किलोमीटर लंबी इस एक्सप्रेस-वे पर आपकी गाड़ी में तेल खत्म हो गया तो आपको धक्का लगाना पड़ सकता है।

इसके अलावा अगर भूख लग गई तो भी इस एक्सप्रेस-वे पर खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसका इंतजाम आप खुद सफर से पहले करके चलें। इसके साथ ही अगर गाड़ी खराब हो गई तब भी आप यहां कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उसे ठीक करने के लिए यहां कोई गैरेज नहीं है। इस सुविधाओं को शुरू होने में यहां अभी कुछ समय लग सकता है। इसलिए अगर इस एक्सप्रेस-वे से सफर करने की सोच रहे हैं तो इन चीजों को ध्यान में रखकर यात्रा करें।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किलोमीटर पर दो रेस्ट स्टॉप एरिया बनाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में रेस्तरां, शौचालय की सुविधा, एक पेट्रोल पंप, एक मोटर गैरेज और अन्य बुनियादी सुविधाएं निर्माण कार्य पूरी होने के बाद मिलेंगी।

बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अंदर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवर ब्रिज, सात लंबे पुल, 104 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज और राजमार्ग पर 271 अंडरपास हैं। जो एक साथ कई शहरों को जोड़ते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों को इस नए एक्सप्रेस-वे से काफी फायदा होगा और यात्रा के समय में काफी बचत होगी।

इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर सुल्तानपुर जिले के कुदेभर में तीन किलोमीटर लंबा रनवे है। इस रनवे का उपयोग आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान, लैंडिंग और टेक-ऑफ करने के लिए कर सकते हैं।