नई दिल्ली के हिंदी भवन में रविवार को आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान 2025 का आयोजन हुआ। इस वर्ष व्याख्यान का विषय था ‘आपातकाल में आचार्य जे. बी. कृपलानी’। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद के. सी. त्यागी उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की।
के. सी. त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल किसी लोकतांत्रिक तंत्र के हित में नहीं, बल्कि एक परिवार के राजनीतिक स्वार्थ के लिए लगाया गया था। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण उस समय की सरकार को अवैधानिक मानते थे। गांधीजी के अनुयायियों के रूप में समाजवादियों ने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, लेकिन बाद में वही पार्टी गांधीवादी मूल्यों से दूर चली गई। त्यागी ने यह भी कहा कि नेहरू अपने को गांधीवादी कहते थे, परंतु उन्होंने गांधी के किसी सिद्धांत का पालन नहीं किया। उनके अनुसार, कांग्रेस शासनकाल में देश भीषण भूखमरी और कृषि संकट से गुजर रहा था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामबहादुर राय ने कहा कि आचार्य कृपलानी ने अपने अंतिम दिनों में ‘माई टाइम्स’ नाम से आत्मकथा लिखवाई थी, जिसे कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट ने तीन खंडों में प्रकाशित किया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जब किसी भी राजनीतिक नेता ने सत्याग्रह नहीं किया, तब आचार्य कृपलानी अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने जेल जाना स्वीकार किया।
कार्यक्रम का आयोजन आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट ने किया। शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और भजन से हुआ। संचालन प्रबंध न्यासी अभय प्रताप ने किया, जबकि मुख्य अतिथि का स्वागत ट्रस्टी संदीप जोशी ने किया और सभी अतिथियों के प्रति आभार सुरेंद्र कुमार ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के संस्थापक रमाशंकर सिंह, वरिष्ठ लेखक वीरेंद्र मिश्र, विश्व युवक केंद्र के संचालक उदय शंकर सिंह, प्रो. राजीव रंजन गिरी, महेश भाई, राजेश कुमार झा, मनीष चंद्र शुक्ला, डॉ. शशिकांत राय, प्रेम प्रकाश, जनार्दन यादव, गुंजन कुमार, वंदना झा, ब्रजेश कुमार झा सहित अनेक बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
