पंजाब के पटियाला में शुक्रवार (29 अप्रैल 2022) काली मंदिर के पास दो पक्षों में खालिस्तान पर जुलूस निकालने को लेकर विवाद हो गया। दोनों तरफ से तलवारें लहराई गईं और पत्थरबाजी हुई। ये विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हवाई फायरिंग कर मामले पर काबू पाना पड़ा। हिंसा की यह घटना सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के शुक्रवार को शिमला में खालिस्तान का झंडा लहराने का आह्वान करने के बाद हुई। आखिर कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिस पर ये साजिश रचने के आरोप लगे हैं?

गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश में रहकर खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ को चलाता है। दरअसल, 29 अप्रैल 1986 को पंजाब में खालिस्तान की मांग को लेकर गुरवचन सिंह मनोचाहल ने अमृतसर में झंडा फहराया था। उसी दिन को याद करते हुए गुरपतवंत सिंह पन्नू ने झंडा फहराने का आह्वान किया था। गुरपतवंत सिंह अमेरिका में बसा भारत का एक मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी है। वह 1 जुलाई 2020 को UAPA में आतंकी घोषित हुआ और 2020 से ही उसके खिलाफ अमृतसर और कपूरथला में राजद्रोह का केस चल रहा है। उसके बाद NIA ने यूएपीए ऐक्ट 1967 की धारा 51A के तहत अमृतसर स्थित उसकी अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था।

‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का सरगना: पन्नू खुद को ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का सरगना बताता है, जो कि पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के दम पर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देशों में उसका संगठन भारत-विरोधी दुष्प्रचार करता रहता है और खालिस्तान की स्थापना को लेकर डींगे हांकता है। खालिस्तान की मांग को लेकर पंजाब में अशांति फैलाना उसका मुख्य मकसद है। गुरपतवंत सिंह पन्नू सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा ऑफ वॉर चलाता रहता है।

29 अप्रैल को खालिस्तान दिवस: गुरपतवंत सिंह पन्नू अमृतसर के खानकोट गांव में पैदा हुआ था। बाद में वह विदेश चला गया और आईएसआई के सहयोग से पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद को जिंदा करने की कोशिश में है। पन्नू ने हाल ही में अपने यू-ट्यूब चैनल पर ऐलान किया था कि गुरुग्राम से लेकर हरियाणा के अंबाला तक सभी एसपी और डीसी कार्यालयों में खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। इसके बाद 16 अप्रैल 2022 को गुरुग्राम में उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को ‘खालिस्तान दिवस’ के तौर पर मनाने का ऐलान किया था।

पटियाला में भड़की हिंसा: शिवसेना (बाल ठाकरे) के नेता खालिस्तान के विरोध में जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी। उसके बाद भी ये जुलूस निकला तो कुछ लोग इसके विरोध में आ गए और हिंसा भड़क गई। हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ये कर्फ्यू शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक के लिए लगाया गया है।