केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने शुक्रवार अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) को राष्ट्र को समर्पित किया, जो एसयू 30 एमकेआइ जैसे लड़ाकू विमानों को उतरने और उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करेगा। चीन की सीमा के समीप भारतीय सैन्य क्षमताओं में यह बड़ा इजाफा है। राज्य के इतिहास में इसे एक बड़ा दिन करार देते हुए रिजीजू ने कहा कि एएलजी के औपचारिक उद्घाटन के साथ ही राज्य में विकास की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो आजादी के 70 साल बाद भी पिछड़ा हुआ था। इस मौके पर मौजूद पूर्वी वायु कमान के एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल सी हरि कुमार ने कहा, ‘ एएलजी सेना, अर्द्धसैन्य बल और नागर प्रशासन की वायु समर्थन क्षमता को बढ़ाएगा साथ ही बाकी देश के साथ अरुणाचल प्रदेश के लोगों की वायु संपर्क क्षमता में भी मददगार होगा।’ पासीघाट एएलजी एक रणनीतिक केंद्र है। यह पूर्वी वायु कमान के तहत संचालन बेस होगा और यहां से सभी प्रकार के विमान और हेलिकाप्टरों का संचालन हो सकेगा।
पूर्वी वायु कमान के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। एएलजी के चालू होने से न केवल विभिन्न संचालनात्मक अभियानों की प्रतिक्रिया समय में सुधार होगा बल्कि पूर्वी सीमा पर एयर आॅपरेशंस की प्रभावशीलता भी बढ़ेगी। गृह राज्य मंत्री ने बताया, ‘पूर्वाेत्तर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है लेकिन विभिन्न कारणों से यह विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ था और केंद्र की राजग सरकार देश के अन्य हिस्सों के समान इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर देश के ताज का एक हीरा है और 1962 के चीनी आक्रमण के बाद ही यह देश के सामने आया।’