पंजाब के मोगा में डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस की छत पर चढ़कर खालिस्तान का झंडा लगाने और हिंदुस्तान के झंडे का अपमान करने के लिए पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के नाम भी जाहिर कर दिए। इनमें एक व्यक्ति आकाशदीप सिंह की उम्र महज 19 साल है, जबकि दो और लोग जसपाल सिंह और इंदरजीत सिंह गिल हैं।

मोगा के एसएसपी हरमनबीर सिंह ने बताया कि आरोपी जसपाल सिंह मोगा में ही इंटरनेट कैफे चलाता है। उसने अन्य आरोपियों की मदद से खालिस्तान से जुड़ा मैटेरियल ऑनलाइन ही एक्सेस कर लिया था। इस दौरान उन्होंने कट्टरपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरुपतवंत सिंह पन्नूं के वीडियो देखे। बताया गया है कि एक वीडियो में पन्नूं ने कहा था कि वह किसी सरकारी बिल्डिंग पर खालिस्तान का झंडा लगाने के लिए 2500 डॉलर (करीब 1.80 लाख रुपए) देगा।

आरोपियों ने वीडियो को देखने के बाद ज्यादा जानकारी के लिए इसमें दिखाए गए नंबर से वॉट्सऐप के जरिए संपर्क किया। इस नंबर से ही उन्हें सरकारी इमारत पर खालिस्तानी झंडा लगाने और ज्यादा से ज्यादा भारतीय तिरंगों का अपमान करने के लिए उकसाया गया। बताया गया है कि आरोपियों ने डीसी ऑफिस पर 14 अगस्त को खालिस्तानी झंडा लहराया था।

फिलहाल मोगा पुलिस ने तीनों पर प्रिवेशन ऑफ नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 की धारा 115, 121,121A,124A,153A,153B,506 और 2 के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा आईटी एक्ट के सेक्शन 66एफ और UAPA एक्ट की धारा 10, 11 और 13 के तहत भी केस दर्ज हुआ है। डीएसपी बरजिंदर सिंह भुल्लर और डीएसपी एसडी सिंह मोगा के नेतृत्व में एक टीम आरोपियों को लाने के लिए दिल्ली गई थी। बाद में तिहाड़ जेल के ड्यूटी मजिस्ट्रेट से आरोपियों की रिमांड हासिल कर ली गई। उन्हें सोमवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा।