उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के किसी भी दल को एक भी सीट नहीं दी। जिसके बाद महान दल ने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया। जिससे नाराज अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य को चुनाव से पहले गिफ्ट की गई फॉर्च्यूनर गाड़ी अब वापस मांगी ली है। इस पर केशव देव मौर्य ने रिएक्शन देते हुए कहा कि मेरे दुश्मन को MLC बना दिया।

केशव देव मौर्य ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “अखिलेश के साथ अच्छा-बुरा दोनों रिश्ता समाप्त। चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने मेरी उपेक्षा की। मुझे नजरअंदाज किया। चुनाव के दौरान बीजेपी की ओर से बड़ा ऑफर मिला था, मैंने उसे ठुकरा दिया लेकिन अखिलेश यादव को धोखा नहीं दिया। समाजवादी पार्टी के मुखिया ने मेरे सबसे बड़े दुश्मन को एमएलसी बना दिया। मैंने उनसे मुलाकात कर अपना दर्द कहना चाहा तो अखिलेश ने समय नहीं दिया।”

आग में पेट्रोल डालने का काम: उन्होंने आगे लिखा, “गुस्से में मीडिया को कुछ विरोध का बयान दे दिया तो समाजवादी पार्टी ने आग में पानी की जगह पेट्रोल डालने का काम, मुझे एलाट फॉर्च्यूनर-कार वापस लेकर किया। मुझे और उग्र कर दिया। भावावेश में आकर मैंने अखिलेश यादव को कुछ बुरा-भला कह दिया जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं। आज से मैं अखिलेश यादव से अपने अच्छे-बुरे दोनों रिश्ते को समाप्त करता हूं।”

वॉट्सएप चैट आई सामने: समाजवादी पार्टी की ओर से उदयवीर सिंह ने केशव देव मौर्य को फॉर्च्यूनर कार वापस करने के लिए कहा था। केशव देव मौर्य और उदयवीर सिंह के बीच हुई वॉट्सएप चैट भी सामने आई है। चैट में केशव देव मौर्य ने उदयवीर सिंह को मैसेज कर कहा है कि जो फॉर्च्यूनर कार मुझे अलॉट की गई थी, उसे आपने वापस मांगा है। उन्होंने ये भी लिखा है कि वो फॉर्च्यूनर कार बैक करते समय पोल से टकरा गई है। आगरा की एजेंसी में उसकी मरम्मत हो रही है। केशव देव ने आगे लिखा कि किसी से मंगा लें या बन जाने के बाद उसे वापस भेज देंगे।

दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले महान दल और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था। गठबंधन के बाद एसपी चीफ ने महान दल के मुखिया को फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट की थी, जिसे चुनाव प्रचार के दौरान खूब इस्तेमाल भी किया गया था। मगर यूपी चुनाव के नतीजे समाजवादी पार्टी गठबंधन के अनुकूल नहीं रहे। केशव देव को उम्मीद थी कि अखिलेश यादव उन्हें विधान परिषद का टिकट देंगे। मगर अखिलेश ने उनकी जगह स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट दे दिया। जिसके बाद केशव देव ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए गठबंधन से किनारा कर लिया।