केरल प्रदेश इकाई के भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने लेखिका अरुंधति रॉय के लेक्चर ‘कम सिंतबर’ को कालिकट यूनिवर्सिटी के बीए अंग्रेजी साहित्य के छात्रों को पढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया है। लेक्चर में आतंकवाद पर अमेरिकी युद्ध के खिलाफ व्याख्यान, अन्य समकालीन मुद्दों के बीच राष्ट्रवाद का दुरुपयोग, यूनिवर्सिटी के बीए थर्ड सेमेस्टर के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बता दें कि लेखिका अरुंधती रॉय द्वारा ये व्याख्यान साल 2002 में दिया गया था और साल 2003 में प्रकाशित हुआ। उनका ये लेक्चर व्यापक रूप से इंटरनेट पर वीडियो प्रारूप और प्रतिलिपि में भी उपलब्ध है।

राज्य शिक्षा विभाग के खिलाफ जारी एक बयान में के. सुरेंद्रन ने कहा कि ‘पाठ्यपुस्तक’ का उद्देश्य खुले तौर पर हिंदुओं पर भारत में फासीवाद का अभ्यास करने का आरोप लगाता है। ऐसा धर्म के नाम पर परिसरों को विभाजित करना है। उन्होंने सवाल किया कि कालिकट यूनिवर्सिटी ने अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में जिहादी साहित्य को क्यों शामिल किया? भाजपा नेता ने पाठ्यक्रम में लेक्चर को शामिल करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम से तुंरत इस व्याख्यान को हटाया जाए।

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भाजपा नेता ने धमकी दी कि उनकी पार्टी मजबूती के साथ इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी और इस संबंध में कानूनी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेगी। लेक्चर में अरुंधति रॉय ने कहा कि भारत में जो कोई परमाणु बम, बड़े बांधों, कॉर्पोरेट वैश्वीकरण, सांप्रदायिक हिंदू फासीवाद के बढ़ते खतरे पर अपने विचार रखता है, सरकार उसे उसे सरकार राष्ट्र विरोधी कह देती है। 20वीं सदी में राष्ट्रवाद की अवधारणा ही ज्यादातर नरसंहारों का कारण रही हैं, चाहे वो किसी भी तरह की रही हों।