केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के बीच टकराव का मामला गहराता जा रहा है। इसको लेकर सियासी दलों ने भी मोर्चा खोल दिया है। माकपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान प्रदेश में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करके भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि खान के कदम संविधान के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘माकपा की केंद्रीय समिति केरल के राज्यपाल के उन कदमों की कड़ी निंदा करती है जो भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने और एलडीएफ सरकार को अस्थिर करने के लिए है। राज्यपाल ने जिस तरीके से पहले कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफे मांगे और फिर राज्य के वित्त मंत्री से इस्तीफा देने को कहा, वह संविधान के अनुरूप नहीं है।’’

येचुरी का कहना था कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत राज्यपाल इस तरह के कदम उठाने के लिए अधिकृत नहीं हैं। लिहाजा उनको इस तरह के कदम नहीं उठाने चाहिए। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश की आलोचना करते हुए कहा था कि यह एक अलोकतांत्रिक कदम है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल अपनी शक्तियों से अधिक का प्रयोग कर रहे है।