केरल उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को सशर्त जमानत दे दी है। इसके पहले भारत समाचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने रेहाना फातिमा को टेलीकॉम टेक्नीशियन की पोस्ट से सस्पेंड कर दिया था। कंपनी ने यह फैसला उनकी गिरफ्तारी के बाद लिया है। फातिमा को सोशल मीडिया पर सबरीमला और अयप्पा श्रद्धालुओं के बारे में कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी करने के मामले में पथानामथिट्टा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति सुनील थॉमस द्वारा पारित जमानत आदेश में कहा गया है कि फातिमा को पंपा पुलिस स्टेशन की सीमाओं में प्रवेश करने से रोका जाये ।

फातिमा को केरल उच्च न्यायालय से सशर्त जमानत मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 सितंबर को फातिमा ने फेसबुक पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। जिसमें वह भगवान अयप्पा के वस्त्र पहने हुए दिख रही थीं। इस मुद्दे पर सबरीमाला समरक्षणा समिति की शिकायत के बाद केरल पुलिस ने उनके खिलाफ 30 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था। समिति ने उन पर हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था।

बता दें कि 39 वर्षीय फातिमा ने अक्टूबर में भगवान अयप्पा के मंदिर में जाने का असफल प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी सभी को देता है और उन्हें न्याय के हित में जमानत दी जानी चाहिये।

रेहाना फातिमा केरल की रहने वाली है। हाल ही में उन्होंने सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। जिसके चलते केरल मुस्लिम जमात काउंसिल ने रेहाना को मुस्लिम समुदाय से निष्कासित कर दिया था। तब काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि रेहाना ने ‘लाखों हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।’ गौरतलब है कि रेहाना फातिमा का नाम पहले भी कई विवादों में सामने आ चुका है। रेहाना फातिमा बीएसएनएल के साथ एक टेक्नीशियन के रूप में काम कर चुकी है। वो दो बच्चों की मां भी है और आर्ट फिल्म (इका) में काम भी कर चुकी हैं।