केरल हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक महिला वकील ने जज को सर कहकर संबोधित कर दिया। इस संबोधन से कोर्ट में उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए। हालांकि वकील को जल्द ही अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने तुरंत माफी मांग ली।

उनकी माफी के बाद माहौल सामान्य हो गया लेकिन महिला वकील की इस गलती पर जज साहब ने जो कहा वो सभी के दिल को छू गया। बार एण्ड बेंच के अनुसार केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने महिला वकील को आश्वासन देते हुए कहा कि वो सामान्य सम्मान ‘माई लॉर्ड’ के बजाय उन्हें ‘सर’ के रूप में संबोधित कर सकती हैं। उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में अदालती कार्यवाही के दौरान ‘योर लॉर्डशिप’ का इस्तेमाल किया जाता है।

सुनवाई की शुरुआत में, न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने वकील से पूछा, याचिका पर उनका नाम बहुत छोटे अक्षर में क्यों लिखा है? न्यायाधीश ने कहा- “याचिका में आपका नाम इतना छोटा क्यों है? कृपया अपने वरिष्ठ को उसके नाम के समान आकार देने के लिए कहें। आप उनसे छोटी नहीं हैं।”

तभी जवाब में उन्होंने सर का संबोधन किया। जिसके बाद उन्होंने तुरंत माफी मांग ली। इससे पहले जुलाई 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने एक वकील को आश्वासन दिया था कि अदालत को ‘सर’ के रूप में संबोधित करने से वो सहज हैं।

इस साल की शुरुआत में, कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति ज्योति मुलिमणि ने सभी वकीलों से अनुरोध किया कि वे उन्हें बस “मैडम” के रूप में संबोधित करें, इसके महीनों बाद न्यायमूर्ति कृष्णा भट ने अपनी अदालत के सामने पेश होने वाले वकीलों से ‘लॉर्डशिप’ जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति भट ने सुझाव दिया था कि वकील ‘सर’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं, जो भारतीय परिस्थितियों में न्यायालय की गरिमा के अनुरूप है। इससे पहले भी कई उच्च न्यायालयों में भी जज इस तरह की सलाह, वकीलों को दे चुके हैं।