केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक 50 साल की उम्र से कम 51 महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं। बता दें कि आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट कनक दुर्गा और बिंदु की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था उस वक्त राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में हाजिर वकील विजय हंसारिया ने कहा जज को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सिंतबर फैसले के बाद अभी तक मंदिर में करीब 50 वर्ष की 51 महिलाएं प्रवेश कर चुकी हैं। बता दें कि कनक दुर्गा और बिंदु वहीं महिलाएं हैं जिन्होंने 2 जनवरी को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था। जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी।

वकील ने किए आंकड़े पेश: राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में हाजिर वकील विजय हंसारिया ने बताया कि 10 से 50 साल की आयु वर्ग की करीब 7500 महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुकी है और इनमें से 51 महिलाएं मंदिर में प्रवेश भी कर चुकी हैं।

कनक दुर्गा और बिंदु की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था कोर्ट: गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में सबरीमाला मंदिर में 2 जनवरी को दो महिलाओं ने प्रवेश किया था। महिलाओं का नाम कनक दुर्गा और बिंदु है। प्रवेश के बाद केरल में काफी हिंसा हुई थी। जिसके चलते दोनों महिलाओं ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी। अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और दोनों महिलाओं को सुरक्षा देने का आदेश केरल सरकार को दिया।1500 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि 10-50 साल की किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश किया हो।

28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट दे चुका है फैसला: हर आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट दे चुका है। जिसके बाद से ही सबरीमाला में लगातार इस फैसले का विरोध किया गया और प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है।

केरल डीजीपी लोकनाथ बेहरा का क्या रहा: केरल डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने महिलाओं के प्रवेश की पुष्टि करते वक्त कहा था कि ये पुलिस की जिम्मेदारी है कि जो भी महिलाएं मंदिर में दर्शन करा चाहती हैं हम उनको सुरक्षा दें और वो मंदिर में दर्शन कर सकें।