केरल के मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई। जब बच्चे का टेस्ट किया गया था, तो वह निपाह वायरस पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद रविवार को कोझीकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चे को 10 दिन पहले बुखार आया था और शुक्रवार से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।

सरकारी अस्पताल में हुई मौत

शनिवार को एनआईवी-पुणे ने पुष्टि की कि बच्चे को निपाह वायरस है और उसे एक निजी अस्पताल से कोझिकोड के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। बच्चे के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खुराक रविवार को पुणे से कोझिकोड पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन इससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया। बच्चे के शरीर को निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार दफनाया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने मलप्पुरम में एक नियंत्रण कक्ष खोला है, जहां अलर्ट घोषित कर दिया गया है। लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई और पांडिक्कड़ पंचायत (जिस गांव का लड़का है) में कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की गई।

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स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मीडिया को बताया कि चार और लोगों में निपाह के लक्षण विकसित हुए हैं और उनमें से एक को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। इनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। लगभग 240 लोग (जो लड़के के संपर्कों की सूची में शामिल हैं) निगरानी में हैं।

2018 के बाद से केरल में पांच बार निपाह का प्रकोप हुआ है। अब तक केवल छह पॉजिटिव पाए गए मरीज बचे हैं। एक 2018 में कोझिकोड में, दूसरा 2019 में कोच्चि में और 2023 में कोझिकोड में चार मामले सफलतापूर्वक ठीक किए गए। 2018 में 18 संक्रमित व्यक्तियों में से 17 की मृत्यु हो गई थी और 2021 में एक मौत हुई। 2023 में निपाह से दो मौतें हुईं थीं।

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। इसे जूनोटिक बीमारी कहा जाता है। ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है। इस वायरस के लक्षण बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और दिमाग में सूजन है।