सबरीमला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जारी विवाद का कोई हल निकालने के लिए गुरुवार (15 नवंबर, 2018) को सीएम पी विजयन ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। हालांकि, इस मीटिंग से कांग्रेस और बीजेपी ने वॉकआउट किया। बता दें कि 17 नवंबर से मंदिर का सालाना कार्यक्रम शुरू होने वाला है, जो दो महीने तक चलेगा। सीएम विजयन यह आरोप लगा चुके हैं कि बीजेपी और आरएसएस सबरीमला में समस्या पैदा करने की कोशिश कर रही है। दरअसल, केरल के बीजेपी प्रमुख का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह यह कबूलते नजर आए थे कि सबरीमला मंदिर के मुख्य पुजारी को उन्होंने गेट बंद करने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं के मंदिर में एंट्री पर लगे बैन को हटा लिया था। इसके बाद से ही बवाल जारी है। कुछ महिलाओं ने मंदिर में एंट्री की कोशिश की भी थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं। वहीं, पिछले हफ्ते बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने ही इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। बीजेपी ने रथयात्रा निकाली थी, जबकि कांग्रेस ने पदयात्रा का आयोजन किया था।
विपक्षी दलों के नेताओं के मीटिंग से बहिष्कार के बाद सीएम ने कहा, ”हर किसी को समझने की जरूरत है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा…यह हर किसी पर लागू होता है। सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने सीएम विजयन को चिट्ठी लिखकर मंदिर में एंट्री के लिए सुरक्षा मांगी थी। तृप्ति शनिवार को यहां पहुंच रही हैं। तृप्ति ने बताया, ‘मुझे केरल सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर कोई घटना होती है तो केरल के सीएम और पुलिस प्रमुख की जिम्मेदारी होगी।’
वहीं, मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे राहुल ईश्वर ने कहा है कि वह तृप्ति को किसी कीमत पर मंदिर में घुसने नहीं देंगे। सबरीमला में महिलाओं की एंट्री को लेकर को लेकर खासा विवाद हो रखा है। बीते एक हफ्ते में केरल पुलिस की वेबसाइट पर करीब 500 महिलाओं ने मंदिर में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।