केरल में विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन के चश्मे की कीमत को लेकर हंगामा मचा है। आरटीआई के जरिये पता चला है कि श्रीरामकृष्णन ने सरकारी खर्च पर करीब 50 हजार रुपये का चश्मा बनवाया है। रामकृष्णन ने कहा है कि उन्होंने इतना महंगा चश्मा डॉक्टर की सलाह पर बनवाया है। कोच्चि के आरटीआई याचिकाकर्ता डीबी बीनू, जो कि पेशे से एक वकील हैं, उनको विधायिका सचिवालय की तरफ से बताया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष ने चश्मे पर 49 हजार 900 रुपये खर्च किए, जिनमें 4900 रुपये चश्मे के फ्रेम और 45000 रुपये लेंस पर खर्च हुए। विधानसभा अध्यक्ष के इलाज की भरपाई भी सरकारी कोष से की गई, जिसके लिए 5 अक्टूबर 2016 से 19 जनवरी 2017 तक 4 लाख 25 हजार रुपये की भरपाई की गई।

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इतना कहा है चश्मा खरीद लिया गया है।आरटीआई याचिकाकर्ता बीनू ने मीडिया को बताया कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के उन मेडिकल बिलों की कॉपी भी मिली है, जिनका भुगतान नहीं किया, जिसके लिए वह विधानसभा सचिवालय द्वारा आधूरी जानकारी देने के खिलाफ राज्य सूचना आयोग का रुख करेंगे।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी उस वक्त विवादों में आ गई थीं, जब उनके 28000 रुपये के चश्मे की भरपाई सरकारी कोष से की गई थी। शैलजा के खिलाफ ऐसे भी आरोप हैं कि वह अपने पति की इलाज पर हुए खर्च की सरकारी कोष से भरपाई के लिए जरूरी दस्तावेज देना भूल गई थीं। भाजपा के राज्य महासचिव के सुरेंद्रन की शिकायत पर सतर्कता और भ्रष्टाचार ब्यूरो ने इस बारे में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

बीनू ने बताया कि 2004 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष वक्कोम पुरुषोत्तमन ने सरकारी कोष से चश्मे के खर्च की भरपाई के लिए 5000 रुपये की रकम निर्धारित की थी। उन्होंने कहा था कि इससे महंगे चश्मे की भरपाई सरकारी कोष से नहीं की जाएगी। लेकिन बाद में देखा गया कि सदस्यों ने महंगे चश्मे बनवाए। विधानसभा अध्यक्ष के इतने महंगे चश्मे की बात ऐसे समय सामने आई जब केरल सरकार के 2018-19 के विधानसभा में बजट पेश किए गए बजट में संकट से जूझने के लिए कड़े वित्तीय अनुशासन की वकालत की गई है। विधानसभा अध्यक्ष के महंगे चश्मे को लेकर राज्य में सियासत गरमाती दिख रही है।