वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की दोनों प्रमुख पार्टियां माकपा और भाकपा ने सोमवार को अपने मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया। इस सूची में 12 नए चेहरे शामिल हैं। केरल के मतदाताओं ने 16 मई को आए विधानसभा चुनाव परिणामों में इन दोनों पार्टियों के गठबंधन को राज्य की सत्ता सौंपी हैं। राज्य के मंत्रिमंडल में शामिल कुल 19 मंत्रियों में मुख्यमंत्री समेत माकपा के 12 ,भाकपा के चार और जनता दल (एस) एनसीपी और कांग्रेस के एक-एक मंत्री हैं।

माकपा से दो महिलाओं समेत कुल आठ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। डा थामस इस्साक, एके बालन और जी सुधाकरन पहले भी 2006 से 2011 के दौरान वीएच अच्युतानंदन के मंत्रिमंडल में शामिल थे। जबकि ईपी जयराजन, केके शैलजा, टीपी रामकृष्णन, कदकमपल्ली सुरेन्द्रन, एसी मोईतीन, जे मर्सीकुट्टी अम्मा, प्रोफेसर सी रवीन्द्रनाथ और डा केटी जलाल को पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पी श्रीरामकृष्णन केरल राज्य विधानसभा के नए स्पीकर होंगे।

माकपा की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि पार्टी की राज्य समिति ने 11 नए मंत्रियों और स्पीकर के नामों का चयन कर लिया। भाकपा के सदस्यों को पहली बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। इसमें ई चन्द्रशेखरन, वीएस सुनील कुमार, पी तिलोत्मन और के राजू शामिल हैं।

जबकि पी शशि को राज्य विधानसभा का नया उपाध्यक्ष बनाया गया है। सी दिवाकरन और मुल्लाकारा रत्नाकरन को इस बार मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है, जबकि यह सभी 2006 से 2011 के दौरान एलडीएम के मंत्रिमंडल में शामिल थे। भाकपा की सूची की घोषणा करते हुये राज्य सचिव कन्नम राजेन्द्रन ने कहा कि नए चेहरों के साथ काम करने में कुछ भी नया नहीं है। इससे पहले 2006 में भी नए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। देवीकरन और रत्नाकरन को मंत्री नहीं बनाए जाने पर उनकी नाराजगी की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेंद्रन ने कहा, ‘हम नए चेहरों को शामिल करना चाहते हैं।’