विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने क्षेत्रीय दलों की मदद से गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस वाला तीसरा मोर्चा बनाने के लिए कदम उठा दिए हैं। इसके तहत रविवार को उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की। अपने अभियान के तहत केसीआर आज (सोमवार को) कोलकाता पहुंचेंगे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी से मिलेंगे। बता दें कि इस मुद्दे पर केसीआर और ममता की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों मार्च 2018 में भी मिले थे।

7 दिन के अभियान पर निकले हैं केसीआर
जानकारी के मुताबिक, तीसरे मोर्चे की तैयारी को लेकर केसीआर 7 दिन के अभियान पर निकले हैं, जिसकी शुरुआत भुवनेश्वर से हुई। पटनायक से मुलाकात के बाद केसीआर ने बताया, ‘‘अभी कुछ ठोस बातें सामने नहीं आई हैं। हम परस्पर बातचीत कर रहे हैं। हम दोबारा मुलाकात करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे कि कैसे ‘गैर भाजपा-कांग्रेस’ तीसरे मोर्चे को साकार किया जा सकता है।’’ पटनायक ने कहा, ‘‘अपनी जीत के बाद केसीआर दर्शन करने जगन्नाथपुरी आए थे तो उनसे भी मुलाकात की। अभी हमने लोकसभा चुनाव के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन कई मुद्दों पर चर्चा जरूर की है। इसमें समान विचारधारा वाले दलों के बीच दोस्ती की बात भी शामिल है।’’

शुक्रवार को फारूक अब्दुल्ला मिले थे ममता से
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कोलकाता में ममता से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘देश को नई सरकार की जरूरत है, जो सहिष्णु हो। देश गलत दिशा में जा रहा है, इसलिए वे ममता से मुलाकात करने यहां आए हैं, ताकि राष्ट्र को बचाने के लिए एक ताकत का गठन किया जा सके।’’ फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत से साबित हो गया है कि राहुल अब परिपक्व नेता बन चुके हैं।

कांग्रेस और राहुल गांधी पर असमंजस
सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित तीसरे मोर्चे में शामिल होने वाले दलों को लेकर फारूक अब्दुल्ला और केसीआर का नजरिया अलग है। अब्दुल्ला को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को साथ लेने में कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, केसीआर कांग्रेस से भी दूरी बनाकर आगे बढ़ने के पक्ष में हैं। उधर, ममता बनर्जी बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस समेत तमाम क्षेत्रीय दलों को साथ लेना चाहती हैं। हालांकि, प्रस्तावित गठबंधन के नेता के रूप में राहुल गांधी को स्वीकार करने से हिचक रही हैं।

 

कांग्रेस बिना यूपी में कमजोर होगा गठबंधन : सलमान खुर्शीद
कांग्रेस नेता और यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने कहा कि यूपी में विपक्षी दलों का कोई भी गठबंधन कांग्रेस के बिना कमजोर ही रहेगा। माना जा रहा है कि खुर्शीद की यह टिप्पणी आगामी चुनावों में बीएसपी और सपा के गठबंधन को लेकर है, जो कांग्रेस को दूर रख सकते हैं।