Jammu and Kashmir: कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडितों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को कश्मिरी पंडितों के एक समूह ने कुछ सामाजिका कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर श्रीनगर में अलगाववादी हुर्रियात कॉन्फ्रेंस के कार्यालय पर हमला बोल दिया। कश्मीरी पंडितों ने दफ्तर में जमकर तोड़-फोड़ की और वहां लगे बोर्ड को भी उखाड़कर फेंक दिया। राजबाग मोहल्ला में स्थित कार्यालय के में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीरी पंडितों ने जमकर उत्पात मचाया।

सामाजिक कार्यकर्ता कश्मीरी पंडितों के साथ हुर्रियत कार्यालय के बाहर जमा हो गए। ये कार्यकर्ता कश्मीर घाटी में हो रही टारगेट किलिंग के विरोध में इकट्ठा हुए थे। टारगेट किलिंग से नाराज कश्मीरी पंडितों और सामाजिका कार्यकर्ताओं के समूह ने कह कि हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर के लोगों को पिछले 30 सालों से धोखा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ये अलगाववादी संगठन ही कश्मीर में निर्दोष लोगों की होने वाली हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं।

अब कड़ी निंदा करने का वक्त चला गयाः कश्मीरी पंडित

इसके पहले शनिवार (15 अक्टूबर) को केएफएफ (कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स) आतंकी संगठन के ने घाटी में पूरन कृष्ण भट नामके कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी। जिसके बाद से आए दिन हो रही टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडितों में आक्रोश है। वे जम्मू में सड़क पर उतर आए हैं और पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं एक कश्मीरी पंडित ने यहां तक कह दिया कि अब कड़ी निंदा का वक्त चला गया और अब प्रशासन को जागना होगा।

फारुख अब्दुल्ला ने टारगेट किलिंग पर कही ये बात

पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने न्यूज एजेंसी एनआई से बातचीत करते हुए बताया, ‘जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक घाटी में हत्याएं नहीं रुकेंगी।’ उन्होंने मीडिया से बातचीत में पूछा आखिर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद भी स्थिति में सुधार क्यों नहीं हुआ? उन्होंने बताया की बीजेपी ने कश्मीर में ऑर्टिकल 370 को ही टारगेट किलिंग का जिम्मेदार ठहराया था।