कर्नाटक सरकार ने इस साल 10 नवंबर को टीपू सुल्तान का जन्मदिन मनाने का फैसला किया है। चूंकि इस आयोजन में अब कुछ ही दिन बचे हैं इसलिए सरकार ने कार्यक्रम के लिए तैयारियां भी तेज कर दी हैं। हालांकि इस आयोजन का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है। लेकिन विपक्ष के विरोध को दरकिनार करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ये साफ कर दिया है कि सरकार अब अपने कदम पीछे नहीं लेगी।
कर्नाटक में विपक्ष में बैठी भाजपा इस टीपू जयंती मनाने के प्रस्ताव का शुरू से विरोध कर रही है। इस प्रस्ताव को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रखा था। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने इस विरोध में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। अनंत कुमार के ओएसडी ने उनकी तरफ से एक पत्र कर्नाटक के मुख्य सचिव को लिखकर सरकार से कहा है कि उन्हें इस कार्यक्रम के आयोजन का न्यौता न भेजा जाए।
OSD to Union Min Ananth K Hegde in a letter to Karnataka Chief Secy stated, “Union minister Hegde condemns govt’s move to celebrate Tipu Jayanti on 10 Nov despite opposition from people. I’d like to inform you to not mention my (Hegde’s) name in the invitee’s list for the event.” pic.twitter.com/8xqq3F2xDB
— ANI (@ANI) November 5, 2018
क्या लिखा है पत्र में: पत्र का मजमून यूं है,” केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े 10 नवंबर को लोगों के विरोध के बावजूद टीपू जयंती मनाने के कर्नाटक सरकार के फैसले की निंदा करते हैं। इतिहास गवाह है कि टीपू हिंदू और कन्नड़ विरोधी था। इससे पहले भी सरकार ने जब इस कदम पर आगे बढ़ने की कोशिश की थी तो पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे और राज्य भर में हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन सभी बातों के बावजूद सरकार उन्हें महिमामंडित करना चाहती है। हम इस फैसले की निंदा करते हैं।
मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि कृपया टीपू जयंती के लिए आमंत्रित अतिथियों की लिस्ट में मेरे नाम का उल्लेख न करें।
सधन्यवाद, विजय कुमार तोरगल (ओएसडी)”
बता दें कि हाल ही में एक संगठन टीपू जयंत विरोधी होराता समिति ने मांग की थी कि कर्नाटक सरकार टीपू जयंती न मनाए और सरकार को प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। हालांकि राज्य शासन इन प्रदर्शनों के भय से पीछे हटने वाला नहीं है। इससे पहले भी साल 2015 में, टीपू जयंती पर हुई हिंसा में विश्व हिंदू परिषद के नेता समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की महानता के दावों पर इतिहासकारों में भी काफी मतभेद हैं।
भारत के मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी टीपू सुल्तान को अपनी पुस्तक अग्नि की उड़ान में ,”रॉकेट युद्ध का हीरो” बताया है। वहीं हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य की विधानसभा के 60 साल पूरे होने पर आयोजित विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। अपने भाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने टीपू सुल्तान को नायक बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी।