कर्नाटक चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा के परिवार में कलह सतह पर आ गई है। शुक्रवार (30 मार्च) को एच डी देवगौड़ा ने अपने संसदीय क्षेत्र हासन में ऐलान किया कि वो 2019 में चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि तब उनकी उम्र 85 साल की हो जाएगी और वो नहीं चाहते की व्हीलचेयर पर संसद जाएं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के लोग चाहेंगे तो उनका पोता प्राजवल रेवन्ना उनकी जगह इस संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने कहा कि प्राजवल शिक्षित और सक्षम है। बता दें कि प्राजवल एच डी देवगौड़ा के बड़े बेटे और विधायक एच डी रेवन्ना के बेटे हैं। पिछले साल नवंबर में उन्हें पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया था। राजनीति में देवगौड़ा परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है।
इधर, जेडीएस के कर्नाटक अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने अपने भतीजे के चुनाव लड़ने से इनकार किया है और कहा है कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देने जा रही है। कन्नड़ मीडिया के मुताबिक कुमारास्वामी के इस ऐलान से प्राजवल नाराज बताए जा रहे हैं। नाराजगी के बाद यह खबर भी उड़ी कि प्राजवाल बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं। हालांकि, खुद प्राजवल ने बीजेपी में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है।
प्राजवल ने शनिवार को कहा कि बीजेपी नेता तेजस्विनी मनगढ़ंत बयान दे रही हैं। वो बीजेपी में शामिल होकर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं। बीजेपी के किसी भी नेता से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है और फिलहाल वो हासन में राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। प्राजवल ने कहा कि सोमवार (2 अप्रैल) को बसपा प्रमुख मायावती कर्नाटक आ रही हैं और वो इस फंक्शन में अभी व्यस्त हैं। खबर है कि कुमारास्वामी अपनी पत्नी अनिता कुमारास्वामी को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी पहले ही मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ का फैसला कर चुकी है। राज्य में वोक्कालिगा और पिछड़े वोट बैंक पर जेडीएस का प्रभाव माना जाता है जबकि दलितों पर मायावती का भी प्रभाव है। दिसंबर 1994 से मई 1996 तक एचडी देवगौड़ा राज्य के मुख्यमंत्री थे। 1996 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी जगह जे एच पटेल ने ली थी। उनके बेटे एच डी कुमारास्वामी फरवरी 2006 से अक्टूबर 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।