कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा रकम खर्च किया। पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग के पास दाखिल खर्च की डिटेल्स से यह बात सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी ने कुल 122 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि कांग्रेस का इस राज्य में चुनावी खर्च महज 34 करोड़ रुपये रहा। पार्टी के खर्च के ब्योरे में भाजपा के स्टार प्रचारकों की यात्रा, मीडिया, प्रचार और हेलीकॉप्टर एवं अन्य यात्रा व्यय शामिल हैं। बता दें कि ये चुनाव पिछले साल मई में हुए थे। चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई थी।
बीजेपी ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा खर्च मीडिया और पब्लिसिटी पर किया। पार्टी ने इस मद में 84 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। इनमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिए गए विज्ञापन, बल्क एसएमएस, केबल, वेबसाइट और जनरल प्रोपेगैंडा आदि पर खर्च भी शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस ने जनरल प्रोपेगैंडा पर 26 करोड़ रुपये खर्च किए। बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की आवाजाही पर 16 करोड़ रुपये खर्च किए। बीजेपी के खर्च से जड़ी ये रिपोर्ट उसके केंद्रीय और राज्य ईकाइयों ने मिलकर तैयार किया है। पार्टी ने मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में हुए खर्च का आंकड़ा भी आयोग को भेजा है। मेघालय में पार्टी ने 3.8 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं, त्रिपुरा में 6.96 करोड़ जबकि नगालैंड में 3.36 करोड़ रुपये व्यय किए गए। यानी भाजपा ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
कर्नाटक चुनाव में दलों के खर्च से जुड़े ये आंकड़े ऐसे वक्त में सामने आए हैं जब सूबे में सियासी उठापटक जारी है। भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार बहुमत खो चुकी है और अपने ‘आंतरिक विरोधाभास’ के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन ‘ढहने’ के कगार पर है। पार्टी प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन भाजपा के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रहा है और घटती संख्या को रोकने का उसका ‘हताश प्रयास’ नाकाम हो जाएगा। बता दें कि भाजपा के विधायक राष्ट्रीय राजधानी के पास एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं।
(भाषा इनपुट्स के साथ)