कांग्रेस के दिग्गज नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धरमैया की उम्र बेशक 73 की है लेकिन उनका जोशोखरोश किसी युवा को भी मात दे सकता है। मैसूर के एक मंदिर उत्सव में उन्होंने लोक नृत्य वीरा कुनिथा पर अपने पैतृक गांव सिद्दारमनहुंडी में डांस किया। इसका एक वीडियो उनके बेटे और वरुणा से कांग्रेस विधायक यतींद्र सिद्धारमैया ने शेयर किया। फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है।
वीडियो में दिख रहा है कि कैसे 73 वर्षीय सिद्धरमैया ने भगवान सिद्धरमेश्वर को खुश करने के लिए नृत्य किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया का नाम मंदिर भगवान के नाम पर रखा गया था और अपने बचपन में उन्होंने इस डांस फॉर्म की ट्रेनिंग ली थी। उनके बेटे यतींद्र का कहना है कि सिद्धरमेश्वर मंदिर उत्सव तीन साल में एक बार होता है। लेकिन पिछले छह वर्षों से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। सिद्धरमैया का कहना है कि वो डिप्टी सीएम और सीएम थे तो गांव आए। अब फिर से वो यहां आए हैं।
खास बात है कि सिद्धारमैया ने 2010 में कर्नाटक में अवैध खनन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की ‘बेल्लारी चलो’ पदयात्रा के दौरान भी डांस करके सुर्खियां बटोरी थीं। इस पदयात्रा के बाद वह 2013 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए। सिद्धरमैया का कहना है कि वह शुगर के मरीज हैं। नहीं तो और ज्यादा जोश दिखाते। वह गाने के बोल भूल चुके हैं लेकिन गाने की बीट सुनकर अपने आप उनके पैर थिरकने लग पड़े।
ನಮ್ಮೂರಿನ ಸಿದ್ಧರಾಮೇಶ್ವರ ದೇವರ ಜಾತ್ರೆಯಲ್ಲಿ ತಂದೆಯವರು ಸಂಗಡಿಗರೊಂದಿಗೆ ವೀರಕುಣಿತದ ಹೆಜ್ಜೆ ಹಾಕಿದ ಕ್ಷಣಗಳು pic.twitter.com/GjMv5v4oeA
— Dr Yathindra Siddaramaiah (@Dr_Yathindra_S) March 24, 2022
फर्श से अर्श तक कैसे पहुंचे सिद्धरमैया
1948 को मैसूर जिले के सिद्धारमनहुंदी गांव में पैदा लेने वाले सिद्धारमैया एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। मैसूर यूनिवर्सिटी से लॉ करने के बाद वो राजनीति में सक्रिय हो गए थे। कर्नाटक के तीसरे सबसे बड़े समुदाय कुरबा से आने वाले सिद्धारमैया को 1983 में उन्हें पहली बार चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से लोक दल से टिकट मिला। उनकी जीत हुई और वह जनता पार्टी में शामिल हो गए। पहले रामकृष्ण हेगड़े और फिर एचडी देवगौड़ा की नजदीकी हासिल करने के बाद उनका कद बढ़ता गया। वह जेडी(एस) के बड़े नेता थे।
उन्होंने तीन बार ‘अहिंदा’ (अल्पसंख्यक, पिछड़ों और दलितों को परिभाषित करने वाला कन्नड़ शब्द) सम्मेलन का आयोजित कर एक नया राजनैतिक समीकरण तैयार किया। लेकिन सिद्धारमैया के बढ़ते कद ने देवगौड़ा को परेशान कर दिया। देवगौड़ा ने उन्हें जेडी(एस) से निकाल दिया। सिद्धारमैया कांग्रेस में शामिल हो गए। 2008 में हुए चुनाव में वह कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बने। चुनाव में कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष की हार के बाद वो सूबे के सीएम बन गए।