कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने शुक्रवार(15 अप्रैल) को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। एक ठेकेदार की अप्राकृतिक मौत के मामले में आरोपी के रूप में नामित होने के तीन दिन बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
मंगलवार (12 अप्रैल 2022) को ठेकेदार संतोष पाटिल का शव उडुपी की लॉज में मिला था। आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने जहर खा लिया था। पुलिस इस मामले को आत्महत्या का केस मानकर जांच कर रही है। मृत्यु से पहले, पाटिल ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों पर बेलगावी के हिंडाल्गा में किए गए 4 करोड़ रुपये के सड़क कार्य का भुगतान जारी नहीं करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे भुगतान जारी करने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की गई थी। पाटिल ने यह भी प्रार्थना की थी कि उनकी मौत के बाद उनके परिवार को किसी तरह की तकलीफ न पहुंचाई जाए। शुक्रवार (15 अप्रैल 202) को ईश्वरप्पा अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा देने के लिए सुबह शिवमोगा से बेंगलुरु गए। उन्होंने कहा कि वह पाटिल की मौत के मामले में मुख्यमंत्री की ओर बिठाई गई जांच के बाद निर्दोष साबित होंगे।
वहीं, कांग्रेस के राज्य प्रमुख डीके शिवकुमार ने सीएम बोम्मई पर इस मामले में ईश्वरप्पा का बचाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “यह विरोध ईश्वरप्पा के इस्तीफे के लिए नहीं बल्कि भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वरप्पा ने कुछ भी गलत नहीं किया। वे (सीएम) अपराधी की रक्षा कर रहे हैं।”
इस बीच, बोम्मई ने कांग्रेस नेताओं पर हमला किया और कहा कि विपक्षी नेताओं को पाटिल की मौत पर जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बनने की जरूरत नहीं है।
बोम्मई ने कहा, “कांग्रेस नेताओं को संतोष की आत्महत्या मामले में जांच अधिकारी, अभियोजक और न्यायाधीश बनने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें एक स्वतंत्र और गहन जांच की अनुमति दें।” पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास जताया कि ईश्वरप्पा बेकसूर हैं और जल्द ही मंत्री के रूप में वापसी करेंगे। उन्होंने कहा, “कुछ अपरिहार्य कारणों से, कोई गलती नहीं करने के बावजूद, ईश्वरप्पा के लिए कुछ दबाव में इस्तीफा देने की स्थिति आ गई है। मुझे विश्वास है कि वह निश्चित रूप से इसका सामना करेंगे, वे बेकसूर हैं और एक बार फिर मंत्री बनेंगे। मैं भगवान से उनकी सलामती की दुआ करूंगा।”