कर्नाटक के कांग्रेस विधायक ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ मिसाल पेश की है। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान ने एक ऐसी मिसाल पेश की जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई। कार्यक्रम में दलित संत और विधायक जमीर खान दोनों मौजूद थे और इसी दौरान जमीर खान अपनी सीट से उठते हैं और संत को भी उठाते हैं। फिर सामने खाना रखा होता है और उसमे से एक निवाला वो संत को अपने हाथ से खिलाते हैं।

संत को निवाला खिलने के बाद विधायक जमीर खान उनसे कहते हैं कि अब वो अपने मुंह से वही निवाला निकालकर उन्हें खिलाएं। विधायक के कहने के बाद संत उन्हें अपने मुंह से निवाला निकालकर खिलाते हैं। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगते हैं। विधायक का ये कदम दलित-मुस्लिम एकता की भी मिसाल पेश कर रहा है। कांग्रेस विधायक का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस विधायक जमीर खान ने कहा कि मानवता ही सबकुछ है। उन्होंने कहा, “मानवता सभी जातियों और धर्मों से परे है। जाति और धर्म को कभी भी हमारे बीच मानवीय संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मैं, तुम, सबकी एक जाति है। इंसान की तरह जीना ही सच्चा धर्म है।”

वहीं सोमवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीफ को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “मैं एक हिंदू हूं और मैंने अब तक बीफ नहीं खाया है। लेकिन अगर मैं चाहूं तो खा लूंगा। तुम (बीजेपी) कौन होते हो मुझसे सवाल करने वाले? बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के नहीं होते, हिंदू भी बीफ खाते हैं, ईसाई भी खाते हैं। ये बात एक बार मैं कर्नाटक विधानसभा में भी कह चुका हूं। आप कौन होते हैं जो मुझे बीफ नहीं खाने के लिए कहते हैं?”

बता दें कि अगले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस कारण वहां पर राजनीति भी तेज होने लगी है। पिछले कई महीनों से कभी हिजाब को लेकर, कभी बूचड़खानों को लेकर कर्नाटक सुर्खियों में छाया हुआ है।