कर्नाटक की राजनीति के करीबी जानकार मान रहे थे कि टीपू जयंती मनाने के मुद्दे पर राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में आपसी मतभेद हैं। इन अटकलों को हवा देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीएस के नेता एचडी कुमारास्वामी ने शनिवार को होने वाले टीपू जयंती के कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया है। अब इस कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस नेता और राज्य के डिप्टी सीएम जी. परमेश्वरा करेंगे।
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने पिछले सप्ताह टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले का विपक्षी दल भाजपा ने पुरजोर विरोध किया था। राज्य के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने कहा था कि टीपू जयंती का कार्यक्रम राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया जाएगा।
Karnataka: Various groups protesting against #TipuJayanti celebrations in Madikeri detained by police. pic.twitter.com/6RzQNgMWRk
— ANI (@ANI) November 10, 2018
Govt is wasting public money in the name of #TipuJayanti. Tipu is not a warrior, he killed so many Hindus & attacked temples. Why are they glorifying a man like him? This is only vote bank politics. Everyone in Kodagu is opposing the celebrations: Sajjal Krishnan, BJP Dist Secy pic.twitter.com/IwrfZbMZuk
— ANI (@ANI) November 10, 2018
वहीं सीएम कुमारास्वामी, खुद टीपू जयंती मनाने के बहुत बड़े समर्थक नहीं हैं। अब सीएम कुमारास्वामी ने सप्ताहांत में अपने परिवार के साथ विश्राम करने का फैसला किया है। सीएम की छुट्टी पर उनके कार्यालय ने कहा,”डॉक्टरों की सलाह पर, मुख्यमंत्री ने 11 नवंबर से 3 दिन के विश्राम पर जाने का फैसला किया है। इन दिनों में वह परिवार के साथ अपना वक्त व्यतीत करेंगे। इस दौरान वह किसी भी आधिकारिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।” बता दें कि टीपू जयंती का उत्सव मनाने की शुरुआत साल 2014 में कांग्रेस के सीएम सिद्धारमैया ने की थी।
राज्य में विपक्षी भाजपा का दावा है कि कुमारास्वामी ने टीपू जयंती उत्सव से दूर रहने का फैसला गठबंधन मेें साझीदार कांग्रेस के साथ कई मुद्दाें पर मतभेद के कारण लिया है। कई विपक्षी विधायकों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उनसे ये अनुरोध भी किया है कि वह उनका नाम पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्यौता न भेजें।
मंगलौर क्षेत्र से भाजपा सांसद नलिन कुमार कातिल ने शुक्रवार (9 नवंबर) को दावा किया कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी की गठबंधन सरकार ने टीपू जयंती मनाने का फैसला लिया ही इसलिए है ताकि पूर्व सीएम सिद्धारमैया को खुश किया जा सके।
वहीं कर्नाटक के मडिकेरी कस्बे में विपक्षी दलों के द्वारा बुलाए गए बंद के कारण सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। इस बंद को कई दलों जैसे बीजेपी और कोडवा नेशनल काउंसिल ने संयुक्त रूप से बुलाया है। इस बंद के दौरान बड़ी संख्या में दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है। पूरे कर्नाटक के कई जिलों में हालात तनावपूर्ण हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष को टालने के लिए पुलिस ने अस्थायी जेलों और भारी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया है।
वहीं बंद को सफल बताते हुए भाजपा की जिला सचिव सज्जल कृष्णन ने एएनआई को बताया,”सरकार टीपू जयंती के नाम पर जनता के धन की बरबादी कर रही है। टीपू योद्धा नहीं था, उसने कितने ही हिंदुओं की हत्या की थी और मंदिरों पर हमला किया था। वह क्यों ऐसे व्यक्ति को महिमामंडित कर रहे हैं? ये सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है।”