मैसूर के 18वीं सदी के विवादास्पद शासक टीपू सुल्तान को लेकर अक्सर विवाद देखने को मिलता है। कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर टीपू सुल्तान को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) टीपू सुल्तान का विरोध करती आई है। ऐसे में भाजपा के एक नेता ने पार्टी के रुख के विपरीत पार्टी के रुख के विपरीत जाकर टीपू सुल्तान के मकबरे के पास बागीचा बनवाने की मांग की है।

भाजपा कर्नाटक अल्पसंख्यक मोर्चा के महासचिव अनिल थॉमस चाहते हैं कि टीपू की कब्र के आसपास भव्य बगीचा बनाया जाए। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें वे टीपू सुल्तान के मकबरे के पास भव्य बागीचा बनाने की बात कह रहे हैं। इस वीडियो को भाजपा समर्थक शेफाली वैद्य ने ट्विटर पर शेयर किया है और इसका विरोध किया है। यह पहली बार नहीं है जब किसी भाजपा नेता ने ऐसी कोई मांग की है।

इससे पहले कर्नाटक बीजेपी के विधानपरिषद सदस्य ए एच विश्वनाथ ने टीपू सुल्तान को ‘माटी का पुत्र’ बताया था। विश्वनाथ ने कहा था कि दक्षिण में टीपू सुल्तान थे , वे लोग हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए बिगुल बजाया था, इसी तरह संगोली रायन्ना (18 वीं शताब्दी के योद्धा और कित्तूर में स्वतंत्रता सेनानी) भी, आजादी और बलिदान के प्रति उनके प्रेम के लिए हमें, इस देश को सिर झुकाना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘टीपू सुल्तान किसी भी पार्टी या जाति या धर्म के नहीं हैं। टीपू सुल्तान इस माटी के पुत्र हैं, इसलिए उन्हें किसी भी धर्म तक सीमित करके उन्हें सीमित नहीं करना चाहिए।”

बता दें कर्नाटक में सत्ता में आने के तुरंत बाद, बीजेपी सरकार ने टीपू सुल्तान के जयंती समारोह को रद्द कर दिया था। वहीं समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से उनसे जुड़े अध्याय को भी हटा दिया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण 2020-21 के पाठ्यक्रम को घटाने के कर्नाटक सरकार के निर्णय के बाद कक्षा सातवीं के समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से टीपू सुल्तान से जुड़े अध्याय को भी हटा दिया गया था।