विपक्ष के हमले का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक डिप्टी एसपी द्वारा कथित रूप से आत्महत्या करने के मामले की न्यायिक जांच कराने की बुधवार को घोषणा की। मंगलूरू के पुलिस उपाधीक्षक एम.के. गणपति द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने को लेकर कर्नाटक सरकार पर भारी हमले के मद्देनजर सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा की। इस मुद्दे को लेकर पिछले तीन दिनों से सदन में भारी गहमा-गहमी चल रही है।
सिद्धरमैया ने कहा कि न्यायिक आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसकी रिपोर्ट छह महीने के भीतर आएगी। मुख्यमंत्री ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की भाजपा की मांग खारिज कर दी। गणपति द्वारा इस कड़े कदम के लिए शहरी विकास मंत्री केजे जार्ज और दो शीर्ष पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था जिसको लेकर भाजपा जार्ज के इस्तीफे की मांग कर रही है।
गणपति को 7 जुलाई को मदिकेरी में एक लाज के कमरे में पंखे से लटकते हुए पाया गया था। इससे पहले उन्होंने एक स्थानीय टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यदि मेरे साथ कुछ होता है तो इसके लिए मंत्री जार्ज और ए.एम. प्रसाद :आईजी-खुफिया: व प्रणब मोहंती :आईजीपी-लोकायुक्त: जिम्मेदार होंगे।