भारत की राजनीति में पिछले कुछ अरसे में हिजाब विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं। लेकिन इसमें एक नया मोड़ तब आ गया जब आतंकवादी संगठन अल कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने एक वीडियो जारी कर उस छात्रा की तारीफ की जो जय श्रीराम के नारे लगाती भीड़ का सामने डटकर खड़ी रही थी। जवाहिरी ने छात्रा को अपनी बहन तक बता दिया है।

जवाहिरी ने वीडियो में मुस्कान खान की तारीफ में एक कविता भी पढ़ी। उसने वीडियो के साथ एक पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसमें मुस्कान के लिए लिखा है- भारत की नोबल लेडी। आतंकी सरगना छात्रा के लिए एक कविता भी पढ़ता नजर आ रहा है। उसने कहा कि मुझे मुस्कान के बारे में पता चला और इस बहन ने तकबीर की आवाज उठाकर उसका दिल जीत लिया है। जवाहिरी यही पर नहीं रुका। उसने उन तमाम देशों के खिलाफ आग उगली जो हिजाब पहनने को गलत मानते हैं।

उधर, मुस्कान के पिता मोहम्मद हुसैन ने जवाहिरी को करारा जवाब देते हुए कहा कि उनके मुल्क के मामलों में दखल देने का किसी को कोई हक नहीं है। उनका कहना है कि वो नहीं जानते कि जवाहिरी कौन है और उसे भारत के मामलों में बोलने का हक किसने दिया। उनका कहना है कि मुस्कान हिजाब की वजह से इस साल परीक्षा भी नहीं दे पाई, क्योंकि प्रबंधन ने उसे हिजाब पहनकर कॉलेज में घुसने नहीं दिया। अगले साल वो उसे किसी ऐसे कॉलेज में डालेंगे जहां पर हिजाब पहनने की अनुमति मिले।

मुस्कान कर्नाटक स्थित मांड्या कॉलेज की छात्रा है। वो तब चर्चा में आईं जब जय श्री राम के नारे लगाते लड़कों के झुंड के सामने डटकर खड़ी हो गई और अल्लाह हू अकबर के नारे लगा उन्हें करारा जवाब दिया। मुस्कान का कहना है कि वो बुर्का पहनकर कॉलेज गई तो छात्रों ने उसका रास्ता रोक लिया। वो कह रहे थे कि पहले बुर्का उतारो फिर अंदर जाओ। लड़के उसे रोककर जय श्री राम के नारे लगाने लगे। उसका कहना है कि उसने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन तब वो डर भी गई थी। ध्यान रहे कि बीजेपी के नेता हिजाब मामले में खासे मुखर हैं।

कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब को स्कूली यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। हालांकि, कुछ मुस्लिम संगठनों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी। लेकिन वहां मामले की सुनवाई लंबित है। अभी ये बात सारे देश के साथ दूसरे देशों में भी चर्चा का विषय बनी है कि हिजाब को कानूनी मान्यता दी जाए या नहीं।