केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनकी आलोचनओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब कर्नाटक में धर्मगुरु ने उनके बयानों की कड़ी आलोचना करते हुए उनकी खिल्ली उड़ाई है। निदुमामिड़ी मठ के वीरभद्र चन्नामला स्वामी ने हेगड़े के अलावा भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा और केएस ईश्वरप्पा की भी आलोचना की है। वीरभद्र स्वामी ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा को हराने के लिए यही नेता काफी हैं। अनंत हेगड़े ने कुछ दिनों पहले धर्मनिरपेक्षता का मखौल उड़ाते हुए कहा था कि वह जाति और धर्म के आधार पर पहचान बताने वालों को पसंद करेंगे। हालांकि, इसके लिए उन्होंने लोकसभा में सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी।
चिकमंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरभद्र स्वामी ने भाजपा नेताओं की आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है जब रज्य के शांतिप्रिय लोग अपने चयन के बारे में फैसला लें। क्या हमें उन लोगों को चुनना चाहिए जो संविधान, आरक्षण, सामाजिक न्याय और समानता का विरोध करते हैं? कांग्रेस, राहुल और मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को भाजपा को हराने के लिए कोशिश करने की जरूरत नहीं है। हेगड़े, सिम्हा और ईश्वरप्पा खुद ही इसे संभव कर देंगे।’ हिंदू धर्मगुरु ने हिंदू और मुस्लिम समुदाय से अपील की कि हिंदुत्व के नाम पर सांप्रदायिक सद्भाव में खलल डालने वालों का वे एकजुट होकर विरोध करें। वीरभद्र स्वामी ने वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाने के मामले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘बाबरी विध्वंस से पहले हिंसा सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित था। सांप्रदायिकता और आतंकवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।’
येद्दयुरप्पा की युवा नेताओं को सलाह: कर्नाटक के भाजपा प्रमुख बीएस येद्दयुरप्पा ने अनंत कुमार हेगड़े और प्रताप सिम्हा जैसे पार्टी के युवा नेताओं को सलाह दी है। उन्होंने संवेदनशील बयान देने के बजाय कर्नाटक के विकास के मसले पर बोलने की सलाह दी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। उन्हें कानून के दायरे में रहकर अपने दायित्वों का निर्वाह करना चाहिए। युवा सांसदों को समावेशी भावना के साथ काम करते हुए गरिमा बनाए रखनी चाहिए।’