Karnataka Politics: जनाधिकार संघर्ष परिषद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पर दिवाली के दौरान गिफ्ट के नाम पर कई मीडिया संस्थान के पत्रकारों को पैसे बांटने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत लोकायुक्त से की गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय एक समूह ने कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस को मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई के मीडिया सलाहकार के खिलाफ दीपावली पर बेंगलुरू में कई प्रमुख मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को महंगे तोहफे दिए जाने की शिकायत की है। तोहफे में महंगे सामानों के अलावा एक लाख रुपये कैश भी दिए जाने की बात शिकायत में दर्ज है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन आरोपों पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

लोकायुक्त पुलिस से जांच की मांग

भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाने वाले समूह जनअधिकार संघर्ष परिषद की ओर से लोकायुक्त पुलिस को शुक्रवार को मिली शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अंग्रेजी और कन्नड़ में छपने वाले कुछ प्रमुख दैनिक अखबारों से जुड़े चीफ रिपोर्टर्स को दीवाली पर तोहफे की आड़ में रिश्वत देने की कोशिश की गई है। जेएसपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मीडिया सलाहकार के जरिए पत्रकारों को तोहफे की शक्ल में रिश्वत मुख्यमंत्री की ओर से ही दिए गए और यह भ्रष्टाचार का बेहद गंभीर मामला है। लोकायुक्त पुलिस से भ्रष्टाचार निषेध कानून,1988 के तहत इस मामले की जांच करवाने की मांग की गई है।

कई पत्रकारों ने तोहफा लौटाया, मैनेजमेंट को दी जानकारी

जेएसपी ने अपनी शिकायत में बताया कि बेंगलुरु में एक दैनिक अखबार के चीफ रिपोर्टर ने दीवाली तोहफे के नाम पर एक लाख मिलने पर अपने चीफ एडिटर (सीईओ) को मामले की जानकारी दी। उन्होंने रुपये लौटाने का आदेश दिया गया। इसके अलावा एक और कन्नड-अंग्रेजी अखबार के चीफ रिपोर्टर ने अपने मैनेजमेंट को तोहफे की आड़ में रिश्वत दिए जाने की सूचना दी और मैनेजमेंट के कहने पर इसे फौरन लौटाया।

पत्रकार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जताया एतराज

इसके अलावा शिकायत में बताया गया है कि एक कन्नड़ अखबार के चीफ रिपोर्टर ने इस मामले में मुख्यमंत्री बोम्मई को पत्र लिखकर अपना कड़ा एतराज जताया। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पत्रकार को जवाब में माफीनामा भी भेजा गया। जेएसपी ने अपनी शिकायत में मुख्यमंत्री पर सरकार के पक्ष में मीडिया को प्रभावित करने के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।