Kalakappa Nidagundi Corruption Investigation: ऐसी बहुत सारी खबरें आपने पहले भी पढ़ी होंगी कि साधारण सी नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारी के घर से करोड़ों की संपत्ति और कैश मिला। कर्नाटक से आए एक ताजा मामले में भी ऐसा ही हुआ है। यहां एक पूर्व क्लर्क ने 30 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा कर ली जबकि उसकी तनख्वाह सिर्फ 15000 रुपए थी।

इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकारी महकमों में किस कदर भ्रष्टाचार है। समाज में बातचीत के दौरान भी यह सवाल उठता है कि सरकारी विभागों में कोई काम करा पाना आसान नहीं है क्योंकि रिश्वत एक से दूसरे अफसर तक देनी होती है हालांकि सभी सरकारी कर्मचारी या अफसर बेईमान नहीं हैं लेकिन सवाल यह है कि साधारण से कर्मचारियों के पास इतनी ज्यादा संपत्ति कैसे आ गई?

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कलाकप्पा निदागुंडी के घर पर हुई छापेमारी

बहरहाल, पूर्व क्लर्क का नाम कलाकप्पा निदागुंडी है और वह Karnataka Rural Infrastructure Development Limited (KRIDL) में काम करता था। लोकायुक्त के अफसरों ने जब उसके घर पर छापा मारा तो इस अकूत संपत्ति का पता चला।

72 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी का मामला

KRIDL के एमडी बसवराजू के निर्देश पर कार्यकारी अभियंता अनिल पाटिल और आनंद करलाकुंती ने पूर्व कार्यकारी अभियंता ज़ारनप्पा एम. चिंचोलिकर और निदागुंडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त के अफसरों ने 72 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी के मामले में यह छापेमारी की।

पत्नी और भाई के नाम पर भी रजिस्टर्ड थीं संपत्तियां

लोकायुक्त के अफसरों को जांच में 24 मकान, 6 प्लॉट, 1 किलो से ज्यादा सोने की जूलरी, 40 एकड़ से ज्यादा एग्रीकल्चर लैंड, कई गाड़ियां और बेहद अहम डॉक्यूमेंट भी मिले। छापेमारी के दौरान निदागुंडी की पत्नी और भाई के नाम पर रजिस्टर्ड संपत्तियों का भी पता चला।

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क्या हैं आरोप?

इस मामले में आरोप है कि आरोपियों ने कोप्पल जिले में 2019 से 2025 के बीच कई गांवों में सीवरेज, सड़क और पेयजल से जुड़े 96 प्रोजेक्ट्स के लिए बनाए गए दस्तावेज़ों और बिलों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया। जिन प्रोजेक्ट्स में धोखाधड़ी की गई, उनमें कनकागीरी में 19, गंगावती में 5, येलबुर्गा में 4 और कोप्पल तालुक में 68 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

कलाकप्पा को कुछ महीने पहले नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था जबकि चिंचोलिकर बर्खास्त होने के बावजूद अदालत के आदेश पर नौकरी पर बहाल हो गए। कोप्पल के विधायक के. राघवेंद्र हित्नाल ने इस भ्रष्टाचार की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सरकार जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

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