कलबुर्गी जिला प्रशासन ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य संगठन अलग-अलग तारीखों पर अपने रूट मार्च और जुलूस निकाल सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों को मानना होगा। तारीखों के बारे में उन्हें 13 नवंबर तक जानकारी दे दी जाएगी।
जिला प्रशासन की ओर से राज्य के महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने जस्टिस एमजीएस कमल की बेंच को यह जानकारी दी। आरएसएस के चित्तपुर रूट मार्च के संयोजक अशोक पाटिल ने इस मामले में अदालत में याचिका दायर की थी।
महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जुलूस/रैली आयोजित करने के संबंध में 11 आवेदन मिले हैं, जिनमें आरएसएस की ओर से किया गया आवेदन भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारी सभी आवेदनों पर विचार करेंगे और कुछ शर्तों के साथ अनुमति देंगे। उन्होंने इसे अंतिम रूप देने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा। मामले में अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
हाईकोर्ट ने 30 अक्टूबर को अशोक पाटिल को निर्देश दिया था कि वह चित्तपुर में प्रस्तावित पथ संचलन पर चर्चा करने के लिए पांच नवंबर को महाधिवक्ता कार्यालय में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करें।
इससे पहले चित्तपुर तहसीलदार ने चित्तपुर कस्बे में 19 अक्टूबर को पथ संचलन की इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद अशोक पाटिल ने हाईकोर्ट का रुख किया था।
कानून-व्यवस्था का दिया था हवाला
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे के गृह क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने शांति और कानून-व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला देते हुए 19 अक्टूबर को आरएसएस को पथ संचलन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। चित्तपुर के तहसीलदार ने बताया था कि भीम आर्मी संगठन ने भी पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि वे भी 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर मार्च निकालेंगे।
