कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है। वर्तमान मुख्यमंत्री तो सिद्धारमैया हैं लेकिन डीके शिवाकुमार खेमा अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है। पिछले कई दिनों से दोनों खेमे के विधायक दिल्ली पहुंच रहे हैं और हाई कमान से अपनी बात कह रहे हैं। अब इस मामले पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है।
खड़गे ने स्वीकारी सत्ता संघर्ष की बात
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस संकट को सुलझाने के लिए कोई न कोई फ़ैसला लेंगे। खड़गे ने कहा, “आलाकमान (मैं, राहुल जी और सोनिया जी) मिलकर इस मुद्दे पर फ़ैसला लेंगे और इसे सुलझाएंगे।”
सिर्फ़ एक गुट है और वो कांग्रेस गुट- शिवकुमार
इस बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया और दोहराया कि कांग्रेस के भीतर कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा, “कोई भ्रम नहीं है। किसी को कुछ भी मांगना नहीं चाहिए। कोई गुट नहीं है। सिर्फ़ एक गुट है – कांग्रेस गुट। हमारा गुट 140 विधायकों का है।” 20 नवंबर को कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच शीर्ष पद के लिए रस्साकशी तेज हो गई है।
‘डीके शिवकुमार जल्द ही मुख्यमंत्री बनेंगे’, कांग्रेस विधायक बोले- मुझे ‘200% यकीन’
इसके अलावा कर्नाटक के मंत्री और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने भी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से चर्चा की। खबरों के मुताबिक प्रियांक ने सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों को राहुल का संदेश दे दिया है और इस मामले को सुलझाने के लिए जल्द ही उन्हें दिल्ली बुलाया जा सकता है।
प्रियांक खड़गे ने क्या कहा?
प्रियांक खड़गे ने कहा, “मीडिया में चर्चा चल रही है। अगर राहुल गांधी से नहीं, तो क्या मैं मोहन भागवत (आरएसएस प्रमुख) से मिलूंगा? क्या मैं अपनी बैठक की जानकारी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को दिए बिना केशव कृपा (आरएसएस राज्य मुख्यालय) को रिपोर्ट करूंगा? राहुल गांधी को बेंगलुरु टेक समिट के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं आ सके।”
खड़गे ने एक सवाल के जवाब में कहा, “मैंने उनसे अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर्सनल कंप्यूटर दिखाने के लिए समय माँगा था।” इससे पहले मंगलवार को, कांग्रेस विधायकों का एक समूह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने नई दिल्ली गया और आलाकमान से डीके शिवकुमार को अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अंतिम फैसला लेने का आग्रह किया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले छह विधायक रविवार रात केंद्रीय नेताओं से चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे और विधायकों के आने की उम्मीद है। पिछले हफ़्ते लगभग दस विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी।
‘हम पांच-छह लोगों के बीच एक गुप्त समझौता हुआ था’
शिवकुमार अभी कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहते क्योंकि पार्टी में हम पांच-छह लोगों के बीच एक गुप्त समझौता हुआ था और उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर विश्वास है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता। मैंने खुद को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है। यह हम पांच-छह लोगों के बीच एक गुप्त समझौता है। मैं इस पर सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहता। मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर विश्वास है। हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर काम करना चाहिए। मैं किसी भी तरह से पार्टी को शर्मिंदा नहीं करना चाहता और न ही उसे कमज़ोर करना चाहता हूं। अगर पार्टी है, तो हम हैं। अगर कार्यकर्ता हैं, तो हम भी हैं।”
इससे पहले अपने गृह क्षेत्र कनकपुरा में पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा था, “मुख्यमंत्री ने अपनी बात कह दी है। वह एक वरिष्ठ नेता हैं। वह पार्टी के लिए एक अनमोल रत्न हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में साढ़े सात साल पूरे कर लिए हैं (2013-2018 के कार्यकाल सहित)।” सिद्धारमैया के इस बयान पर कि वह अगला बजट भी पेश करेंगे, उप-मुख्यमंत्री ने कहा: “मैं बहुत खुश हूं। वह पहले भी विपक्ष के नेता रह चुके हैं। उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है और उसे खड़ा किया है। हम सभी को 2028 (विधानसभा चुनाव) और 2029 (लोकसभा चुनाव) के लक्ष्य के साथ मिलकर काम करना चाहिए।”
