कर्नाटक में सियासी उठापटक के बीच विधानसभी स्पीकर केआर रमेश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे को लेकर कुमार का कहना है कि 13 में से 8 विधायकों का इस्तीफा नियम के मुताबिक नहीं है। इन विधायकों को पेश होने के समय दिया गया है। उन्होंने राज्यपाल को लिखा है कि वह संविधान का पालन करेंगे। स्पीकर का कहना है कि उनसे किसी भी विधायक ने अबतक मिलने का समय नहीं मांगा है।
जेडीएस ने लगाया आरोप: जेडीएस ने बीजेपी पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगााया है। जेडीएस का कहना है कि बीजेपी कर्नाटक सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।जेडीएस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, भाजपा कर्नाटक में विधायकों को खरीदने के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ट्वीट में लिखा है, जी हां आप सही पढ़ रहे हैं, यह मिजोरम , मणिपुर, और सिक्किम के वार्षिक बजट के बराबर है। मोदी को इतना पैसा कहां से मिलता है , भ्रष्टाचार मुक्त शासन केवल किताबों में है, हकीकत यह है।
Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar:Have written to Governor that none of the rebel MLAs have met me. He has expressed confidence that I’ll uphold constitutional norms. Out of 13 resignations, 8 are not according to law. I’ve given them time to present themselves before me pic.twitter.com/KSNInlGwBX
— ANI (@ANI) July 9, 2019
निगाहें विधानसभी अध्यक्ष पर: कर्नाटक में सियासी हंगामें के बीच अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष कुमार पर हैं। उन्हें कांग्रेस और जद(एस) के कुल 13 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है। 12 जुलाई को होने वाले विधानसभा सत्र से पहले इन इस्तीफों पर कुमार का फैसला काफी अहम भूमिका निभाएगा।
विधानसभा की स्थिति: 224 सदस्यीय विधानसभा में दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा के पास 107 विधायक हैं। बहुमत के आंकड़ों की बात करें तो बहुमत का आंकड़ा 113 है। अगर इन 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो बंधन का आंकड़ा घटकर 103 हो जायेगा। ऐसे में सरकार अल्पमत में आजाएगी।