2023 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने भाजपा को सलाह देते हुए गुजरात की तरह दिग्गजों के मुकाबले युवाओं को आगे लाने की बात कही है।
गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए गुरुवार को 160 नामों की अपनी पहली सूची का अनावरण करते हुए राज्य भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने इसे “पीढ़ी का बदलाव” कहा था।
क्या कहा सांसद ने ?
सांसद लहर सिंह सिरोया ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के हित में 2023 के चुनावों में युवाओं के लिए रास्ता बनाना चाहिए। सोशल मीडिया पर लिखते हुए भाजपा सांसद ने कर्नाटक में पार्टी के नेताओं से गुजरात के उदाहरण का पालन करने के लिए कहा जहां पूर्व सीएम विजय रूपाणी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव नहीं लड़ने का विकल्प चुना है।
उन्होने ट्वीट कर कहा कि गुजरात में जो हुआ है वह कर्नाटक में भी एक मॉडल के रूप में काम करना चाहिए। गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी, पूर्व डिप्टी सीएम नितिन भाई पटेल साथ ही पूर्व मंत्रियों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होने आगे लिखा कि यह एक सहज पीढ़ीगत परिवर्तन की अनुमति देकर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक सराहनीय कदम है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव अब से कुछ महीनों में होंगे। वरिष्ठ नेताओं को राज्य और राष्ट्र के व्यापक हित में युवा लोगों के लिए रास्ता बनाना चाहिए।
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केएस ईश्वरप्पा, नेहरू ओलेकर, जीएच थिप्पारेड्डी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने और अगले साल चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।
बी एस येदियुरप्पा ने दिया चुनाव नहीं लड़ने का संकेत
बुजुर्ग नेता बी एस येदियुरप्पा जो भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। उन्होने संकेत दिया है कि वह 2023 में अपनी शिकारीपुरा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे और यदि भाजपा उन्हें टिकट देना चाहती है तो उनके छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र उम्मीदवार होंगे।
79 वर्षीय येदियुरप्पा को उनकी बढ़ती उम्र के कारण 2021 में कर्नाटक के सीएम के रूप में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था और उनकी जगह युवा बसवराज बोम्मई को लिया गया था जो येदियुरप्पा की तरह लिंगायत समुदाय से हैं।