कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। राज्य सरकार ने कहा कि हाल के दिनों में 14 जिलों के 161 गांव भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और बाढ़ से 21,727 लोग प्रभावित हुए हैं।

राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने सोमवार (8 अगस्त, 2022) को कहा कि मौजूदा मानसून के दौरान बाढ़ और बारिश से 73 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 7,386 लोग 75 राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं। मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में 14 जिलों के 161 गांव भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ से 21,727 लोग प्रभावित हुए हैं।

आर अशोक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच बाढ़ और बारिश से 73 लोगों की जान चली गई, जिसमें बिजली गिरने से 15 मौतें, पेड़ गिरने से पांच, घर ढहने से 19, जबकि 24 लोग नदियों में बह गए, नौ भूस्खलन के कारण और एक बिजली गिरने से हुई। ये घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि 8,197 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 75 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 7,386 लोगों ने शरण ली है।

मंत्री ने कहा कि 666 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 2,949 क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 17,750 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंत्री ने कहा कि 1,29,087 हेक्टेयर में कृषि फसलों और 7,942 हेक्टेयर में बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल बारिश ने 11,768 किलोमीटर सड़क, 1,152 पुलों और पुलियों, 122 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 2,249 आंगनवाड़ी केंद्रों और 95 सिंचाई झीलों को क्षतिग्रस्त किया है।अशोक ने कहा, “हमने उपायुक्तों को राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया है। जिलों के पास (राहत कार्य करने के लिए) 857 करोड़ रुपए का फंड है।”

मंत्री ने कहा कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसमें राष्ट्रीय आपदा कोष से 4 लाख रुपये शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने घर पूरी तरह खो दिए हैं, उन्हें 5 लाख रुपए मिलेंगे, जबकि गंभीर और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए सरकार मुआवजे के रूप में क्रमशः 3 लाख और 50,000 रुपए देगी।