दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा को अदालत से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली दंगों के मामले में कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
जानें कोर्ट ने क्या कहा
बता दें कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि इस मामले की जांच की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे और आगे जांच की आवश्यकता है। दिल्ली के यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने याचिका दायर की थी और इसमें कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने का विरोध किया और दावा किया कि दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी।
दिल्ली हाई कोर्ट भी दे चुका है झटका
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ 2020 में कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया था।
हाई कोर्ट ने कहा था कि अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है और मामले में आगे बढ़ाने के लिए अदालत पूरी तरह से स्वतंत्र है। इस मामले में अगली सुनवाई 19 मई को होगी। जबकि 20 मई को अधीनस्थ अदालत के समक्ष मामला लिस्टेड है।
दंगे में 53 लोग मारे गए थे
बता दें कि दिल्ली में 2020 में दंगे हुए थे। यह दंगे उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए थे। 24 फरवरी 2020 को हुए दंगे में 53 लोग मारे गए थे और सैकड़ो लोग घायल हुए थे। इन दंगों का असर काफी समय तक था। इस मामले में ताहिर हुसैन भी आरोपी है, जो जेल में बंद है। जब ये दंगे हुए थे उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत आने वाले थे।