समाजवादी पार्टी के कानपुर से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में इरफान सोलंकी की जमानत दी है। इरफान सोलंकी और अन्य आरोपियों के खिलाफ 26 दिसंबर 2022 को कानपुर के जाजमऊ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ जस्टिस समीर जैन ने यह फैसला सुनाया है। इरफान सोलंकी के अलावा उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपी इजरायल आटेवाला को भी जमानत मिल गई है। अदालत ने 2 सितंबर को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों पक्षों की दलील भी सुनी गई थी।

23 महीने से जेल में बंद हैं इरफान सोलंकी

पिछले 23 महीने से इरफान सोलंकी गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में बंद थे। वर्तमान में इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी सीसामऊ से विधायक हैं। इससे पहले इरफान सोलंकी वहां से विधायक थे। लेकिन जेल जाने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी, जिसके बाद उपचुनाव हुआ था। उपचुनाव में नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की थी।

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इरफान सोलंकी के वकील इमरान उल्लाह ने कहा कि सपा के पूर्व विधायक पर जितने भी मुकदमे दर्ज थे, सभी में उन्हें जमानत मिल गई है। ऐसे में वह बहुत जल्दी जेल से बाहर आ जाएंगे। वहीं कानपुर की सीसामऊ से सपा विधायक नसीम सोलंकी ने कहा कि आज उनके लिए बहुत बड़ी खुशी का दिन है। नसीम सोलंकी ने कहा कि हमें कोर्ट का पूरा भरोसा था और उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कठिन दौर था और जनता ने पूरा साथ दिया है।

आजम को भी मिल चुकी है राहत

बता दें कि 3 दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आजम खान को भी हाई कोर्ट से ही राहत मिली थी। वह भी 23 महीने से जेल में बंद थे और कोर्ट ने उन्हें जमानत दी, जिसके बाद वह बाहर आ गए। आजम खान के बाद इरफान सोलंकी को जमानत मिलना समाजवादी पार्टी के लिए राहत की बात है। उत्तर प्रदेश में 14 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और यह दोनों नेता सपा के बड़े नेताओं में शामिल हैं।